DAV इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा में धांधली, फर्जी 3 एग्जामिनर गिरफ्तार

वाराणसी के डीएवी इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा की बायोलॉजी प्रायोगिक परीक्षा के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. परीक्षा लेने के लिए असली परीक्षक की जगह फर्जी एग्जामिनर पहुंचा, जो छात्रों के सवालों पर शक होने पर पकड़ा गया. छात्रों ने प्रिंसिपल को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST

वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित डीएवी इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड की 12वीं की बायोलॉजी की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. अक्सर फर्जी परीक्षार्थियों के मामले सामने आते हैं, लेकिन इस बार परीक्षा देने नहीं, बल्कि परीक्षा लेने वाला एग्जामिनर ही फर्जी निकला. पुलिस ने फर्जी 3 एग्जामिनर को गिरफ्तार किया है.

वाराणसी के कोतवाली सर्कल की एसीपी प्रज्ञा पाठक ने बताया कि परीक्षा के दौरान जब मौखिक परीक्षा (वाइवा) चल रही थी, तभी परीक्षार्थियों को एग्जामिनर द्वारा पूछे गए उलझाऊ और संदिग्ध सवालों पर शक हुआ. छात्रों ने तुरंत कॉलेज के प्रिंसिपल को इस बारे में जानकारी दी. जब प्रिंसिपल ने संबंधित एग्जामिनर से पूछताछ की, तो मामला संदिग्ध लगने पर पुलिस को बुलाया गया. जांच में पता चला कि परीक्षा लेने वाला व्यक्ति असली एग्जामिनर नहीं, बल्कि एक फर्जी व्यक्ति था. वह अपने दो साथियों के साथ मिलकर यह कृत्य कर रहा था.

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फर्जी एग्जामिनर और दो साथियों की गिरफ्तारी

मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि असली परीक्षक राजीव कुमार शर्मा को परीक्षा लेने आना था, लेकिन उनकी जगह अजीत यादव नाम का व्यक्ति परीक्षा लेने पहुंचा. जांच में यह भी सामने आया कि अजीत यादव अकेला नहीं था, बल्कि उसके साथ ध्रुव यादव (गाजीपुर निवासी) और अमरेंद्र तिवारी (बलिया निवासी) भी थे. पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से एक कार, कुछ सर्टिफिकेट और उत्तर पुस्तिकाएं बरामद कीं.

फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड निकला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

जांच में पता चला कि इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बलिया निवासी अमरेंद्र तिवारी था, जो बलिया के एक कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है. उसने ही यह साजिश रची और परीक्षा दिलाने की पूरी योजना बनाई. पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि असली परीक्षक राजीव कुमार शर्मा की तबीयत खराब थी, इसलिए उनके कहने पर वे परीक्षा लेने आए थे.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. 

फर्जी पहचान पत्र बनाकर परीक्षा लेने पहुंचे थे आरोपी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने राजीव कुमार शर्मा के नाम से एक पहचान पत्र तैयार किया, लेकिन उसमें फोटो अजीत यादव की लगाई गई थी. इसी पहचान पत्र के आधार पर वे कॉलेज में परीक्षा लेने पहुंचे थे.

पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, जांच जारी

डीएवी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है. इस मामले ने परीक्षा प्रणाली में हो रही धांधलियों को उजागर किया है और पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.

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