आगरा के न्यू आगरा थाना क्षेत्र में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब हत्या के प्रयास और अवैध हथियार रखने के आरोपी राज चौहान के जेल से छूटते ही उसके समर्थकों ने बड़ा जुलूस निकाला. यह जुलूस खंदारी बाइपास से लेकर दयालबाग मार्ग तक फैला और कुछ ही देर में पूरे इलाके का ट्रैफिक थम गया. सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोगों को घंटों तक परेशानी का सामना करना पड़ा. जुलूस के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और कार्रवाई शुरू की.
राज चौहान ट्रांसयमुना क्षेत्र का निवासी है और लगभग एक साल पहले उस पर जानलेवा हमला करने और अवैध हथियार रखने का आरोप लगा था. इन मामलों में उसे जेल भेज दिया गया था. एक साल बाद जब उसे जमानत मिली तो उसके समर्थकों ने इसे जश्न की तरह मनाया. बताया गया कि उसके भाई हर्ष चौहान ने रिहाई के दिन सुबह से ही करीब 200 लोगों को जिला जेल के बाहर बुला लिया था. जैसे ही राज चौहान जेल से बाहर निकला, उसके समर्थकों ने उसे कार की छत पर बैठा दिया और नारेबाजी करते हुए जुलूस शुरू कर दिया.
जेल से बाहर आते ही बदमाश ने दिखाई पावर
जुलूस में शामिल युवक कार की छतों पर चढ़कर नारे लगा रहे थे. कई लोग तेज रफ्तार में गाड़ियां चलाते हुए दिखाई दिए. खंदारी बाइपास और उसके आसपास का इलाका कुछ ही मिनटों में जाम से भर गया. राहगीरों को रास्ता पार करने में दिक्कत हुई और कई वाहन फंस गए. जुलूस बेकाबू होता जा रहा था और स्थानीय लोग दहशत में आ गए. सोशल मीडिया पर जुलूस के वीडियो पहुंचते ही पुलिस को इसकी जानकारी हुई और तुरंत टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया.
पुलिस के पहुंचते ही भीड़ में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. कई युवक वहां से भाग निकले लेकिन कुछ को पुलिस ने पकड़ लिया. जुलूस में जिस तरह से भीड़ सड़क पर फैली हुई थी, उससे साफ दिख रहा था कि इलाके में सामान्य यातायात व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी थी. पुलिस ने पहले ट्रैफिक को सुचारू करने की कोशिश की और फिर जुलूस में शामिल लोगों की पहचान शुरू की.
एसीपी हरी पर्वत अक्षय महाडिक ने बताया कि पूरे मामले में 12 लोगों के नाम सामने आए हैं और 150 से अधिक लोग अज्ञात के रूप में मुकदमे में शामिल किए गए हैं. पुलिस ने मौके से 10 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. दो नामजद आरोपी अब भी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है. एसीपी ने कहा कि जुलूस को लेकर किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी और जिस तरह से भीड़ ने सड़क पर उपद्रव किया, उससे आमजन को काफी परेशानी हुई.
बाइक और कार पर बदमाश के साथियों ने निकाला जुलूस
इस पूरे मामले में सबसे अधिक चर्चा इस बात की रही कि आरोपी राज चौहान की रिहाई के तुरंत बाद इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे इकट्ठा हो गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि राज चौहान पहले भी कई मामलों में आरोपी रह चुका है और उसका अपना एक गैंग भी चलता है. जिस तरह से उसके समर्थकों ने जुलूस निकाला, उसे कई लोग शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं.
जुलूस के दौरान दयालबाग और खंदारी क्षेत्र में अफरातफरी जैसे हालात बन गए. कुछ जगहों पर लोग अपने वाहनों से उतरकर पैदल जाने लगे क्योंकि सड़कों पर एक इंच की भी जगह नहीं बची थी. स्कूल जाने वाले बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया पर यह सवाल भी उठने लगा कि बिना अनुमति इतने बड़े जुलूस को कैसे निकलने दिया गया.
पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों की पहचान शुरू कर दी है. फुटेज में कई युवक कार की छतों पर नाचते और नारेबाजी करते दिख रहे हैं. पुलिस अब इन युवकों को भी चिन्हित कर रही है. जुलूस के दौरान कई वाहनों को खड़ा कर दिया गया था, जिससे सड़क पर जाम की स्थिति और भी गंभीर हो गई थी. दयालबाग मार्ग पर तो कई मिनट तक एंबुलेंस भी फंसी रही.
सड़कों पर अफरातरफी का माहौल बना रहा
यह मामला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि आरोपी पर पहले ही जानलेवा हमला करने और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर आरोप लगे हुए हैं. उसके समर्थकों का इस तरह सड़कों पर ताकत दिखाना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी कीमत पर इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
पुलिस अब राज चौहान और उसके भाई हर्ष चौहान की तलाश में भी जुटी है. बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर पुलिस पहुंची तो वे लोग वहां से निकल गए थे. पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी भी की है. एसएचओ न्यू आगरा और दयालबाग चौकी की टीम लगातार संपर्क में हैं और फुटेज के आधार पर बाकी युवकों की पहचान कर रही है.
भीड़ ने कार की छतों पर चढ़कर नारेबाजी की
इलाके के लोगों ने भी इस जुलूस पर नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि सड़कें आम जनता के लिए होती हैं और इस तरह के जुलूस न केवल लोगों के लिए खतरा बनते हैं बल्कि कानून व्यवस्था को भी चुनौती देते हैं. कई लोगों ने यह भी कहा कि जब भीड़ ने कार की छतों पर चढ़कर नारेबाजी शुरू की, तभी पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी.
एसीपी महाडिक का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस निगरानी और बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
घटना के बाद दयालबाग क्षेत्र में सामान्य स्थिति धीरे धीरे बहाल होने लगी लेकिन कई घंटों तक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया पर इस पूरे मुद्दे को लेकर लगातार चर्चा जारी है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि अपराधियों के समर्थन में इस तरह जुलूस निकालना किस कानून के तहत सही ठहराया जा सकता है.
पुलिस ने 150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया
पूरे मामले ने एक बार फिर सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि एक साल तक जेल में रहने वाला आरोपी जैसे ही बाहर आया, उसके समर्थकों को कैसे पता चला कि जुलूस निकालना है. यह मामला केवल कानून व्यवस्था का नहीं बल्कि समाजिक संदेश का भी है कि अपराध को बढ़ावा देने वाली भीड़ लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है.
अरविंद शर्मा