मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की खराब किडनी की खबर सुनकर, फिल्म सेलिब्रिटी राज कुंद्रा ने उन्हें अपनी किडनी देने की पेशकश की थी. लेकिन श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद मामले के मुख्य याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी बाबा ने इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि प्रेमानंद जी राज कुंद्रा की किडनी के बजाय उनकी किडनी लें. आइए जानते हैं इसके पीछे फलाहारी बाबा ने क्या तर्क दिया है...
फलाहारी बाबा की पेशकश
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद केस के मुख्य याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी बाबा ने प्रेमानंद महाराज से राज कुंद्रा की किडनी न लेने की प्रार्थना की है. उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि राज कुंद्रा की किडनी दूषित है, क्योंकि वह मांसाहार और मदिरा का सेवन करते हैं. फलाहारी बाबा ने महाराज से अपनी एक किडनी लेने का आग्रह किया, क्योंकि उनकी किडनी शुद्ध और फलाहारी है. उन्होंने कहा कि वह प्रेमानंद महाराज को भगवान मानते हैं और उनके लिए अपनी जान भी दे सकते हैं.
बृजवासी होने का दिया हवाला
फलाहारी बाबा ने अपने पत्र में कहा कि प्रेमानंद महाराज बृजवासियों से बहुत स्नेह करते हैं और बृजवासी भी उनसे बहुत प्रेम करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह श्री राधा कृष्ण को बृजवासी प्रिय थे, उसी तरह प्रेमानंद महाराज भी उनकी प्रार्थना को स्वीकार करेंगे. उन्होंने महाराज से केवल उन्हीं की किडनी लेने का आग्रह किया.
कौन हैं दिनेश फलाहारी बाबा?
दिनेश फलाहारी बाबा वही व्यक्ति हैं जिन्होंने तीन साल पहले यह संकल्प लिया था कि जब तक मथुरा के कृष्ण मंदिर से मस्जिद नहीं हट जाती, तब तक वे न तो भोजन करेंगे और न ही अपने पैरों में खड़ाऊ पहनेंगे. वे आज भी अपने संकल्प पर अटल हैं. फलाहारी बाबा श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद केस में एक प्रमुख याचिकाकर्ता हैं.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नर्मदापुरम जिले के आरिफ खान चिश्ती ने भी प्रेमानंद जी महाराज को अपनी किडनी दान करने का मन बनाया है. इसके लिए उन्होंने प्रेमानंद जी और जिला प्रशासन को एक पत्र भेजा है. वे चाहते हैं कि राष्ट्रीय एकता के लिए प्रवचन देने वाले प्रेमानंद जी की आयु लंबी हो, ताकि वे भारत को सच्चा भारत बनाए रखने में विशेष योगदान दे सकें.
फिलहाल, प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम की ओर से किडनी दान मामले को लेकर कोई भी बयान सामने नहीं आया है. वहीं, राज कुंद्रा से उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान ही कहा था कि 'हम क्या करेंगे आपकी किडनी लेकर, जितनी राधा रानी और प्रभु की इच्छा है, उतना हमारा शरीर चलेगा.'
मदन गोपाल शर्मा