एक बार फिर कोर्ट में नहीं पेश की जा सकी ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट, ASI ने 18 नवंबर का मांगा समय

ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में करीब 3 महीने तक चले आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की रिपोर्ट सोमवार को वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पेश होनी थी. मगर, एक बार फिर ASI ने ज्ञानवापी के किए गए सर्वे की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने के लिए एक हफ्ते का और वक्त मांगा है.

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फाइल फोटो. फाइल फोटो.

रोशन जायसवाल

  • वाराणसी,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST

ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में एक बार फिर ASI ने ज्ञानवापी के किए गए सर्वे की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने के लिए फिर एक हफ्ते का वक्त मांग लिया है. इस प्रार्थना पत्र के बाबत जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने चौथी बार ASI को सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय दे दिया है. अब ASI को 18 नवंबर तक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. वाराणसी के जिला जज की अदालत में यह मोहलत एएसआई ने मेडिकल ग्राउंड पर मांगा था.

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दरअसल, 40 दिनों पहले ही वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के हुए ASI सर्वे को पूरा कर लिया गया है. मगर, यह चौथा मौका है, जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से वाराणसी के जिला जज से सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के लिए और मोहलत मांगा गया है. ASI के प्रार्थना पत्र पर जिला जज ने एक हफ्ते का वक्त देते हुए रिपोर्ट दाखिल करने की तिथि 18 नवंबर तय कर दी है.

इसकी जानकारी खुद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से साझा की. वहीं, दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के वकील तौहीद खान ने ASI की तरफ से बार-बार वक्त मांगे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है.

जज ने ASI को दे दिया था 10 दिनों का वक्त

बता दें कि 30 नवंबर को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ASI की ओर से मांगे गए और 3 हफ़्तों के वक्त पर जिला जज ने 10 दिनों का वक्त ASI को दे दिया था, जो आज पूरी हो गई थी. जबकि वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस के मामले में चल रहे पुरातात्विक सर्वेक्षण ऑफ इंडिया की तरफ से ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का काम लगभग 40 दिन पहले ही पूरा हो चुका था.

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इसी कड़ी में 2 नवंबर को ASI के वकीलों ने 3 नवंबर को रिपोर्ट सबमिट करने की मियाद खत्म होने के ठीक 1 दिन पहले कोर्ट से 15 दिनों का वक्त मांगा था. इसको कोर्ट ने मंजूर करते हुए 17 नवंबर को रिपोर्ट सबमिट करने की अनुमति दी थी, लेकिन 17 नवंबर को भी एएसआई ने एक बार फिर 15 दिनों का वक्त मांगा. इसपर जिला जज ने हिदायत देते हुए 10 दिनों का समय सर्वे की रिपोर्ट जमा करने का दिया था.

आज फिर मांगी गई एक हफ्ते का वक्त

फिर 28 नवंबर को भी जब सर्वे की रिपोर्ट जिला जज की अदालत में पेश होनी थी, तो उसके ठीक पहले एक बार फिर तीसरी बार कोर्ट में पहुंचे पुरातात्विक सर्वेक्षण ऑफ इंडिया के वकीलों ने तीन हफ्तों का वक्त मांग लिया था और  अब मेडिकल ग्राउंड पर ASI म चौथी बार कोर्ट से रिपोर्ट सबमिट करने के लिए वक्त मांगा है.  आज एएसआई की तरफ से जिला जज की अदालत में एक हफ्ते की मांगी गई.

मोहलत वाले प्रार्थना पत्र के अनुसार या लिखा हुआ था कि  ASI के सुपरिटेंडेंट आर्कियोलाजिस्ट 'श्री अविनाश मोहंती' की अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने और तबियत बिगड़ जाने के कारण न्यायालय में उपस्थित होकर सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने में असमर्थ हैं. अतः माननीय न्यायालय से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त वर्णित परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रार्थी/ASI को कम से कम 1 सप्ताह बाद की कोई अन्य तिथि सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने हेतु नियत किया जाए, ताकि न्याय हो.

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