यूपी के कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दुओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. नवाबगंज स्थित दीनदयाल उपाध्याय स्कूल में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संघ का लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जो जातिवाद जैसी सामाजिक असमानताओं से मुक्त हो और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझे.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक भागवत दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को कानपुर पहुंचे थे. रविवार को उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि संघ का कार्य व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है. उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की कि वो अपने-अपने 'शाखा' क्षेत्रों में हर परिवार से संपर्क स्थापित करें और हिंदुओं को एकजुट करने के कार्य में लग जाएं.
उन्होंने कहा, 'हर परिवार में संस्कार और पारिवारिक सामंजस्य होना चाहिए ताकि सनातन परंपरा को फिर से स्थापित किया जा सके. समाज को एकजुट करना और उसमें समानता लाना ही संघ का उद्देश्य है.'
उन्होंने कहा कि संघ अपने 100वें साल में प्रवेश कर चुका है और 'पंच परिवर्तन' के सिद्धांत के तहत व्यापक सामाजिक बदलाव की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि यह बदलाव समाज की सोच, जीवनशैली, पर्यावरण के प्रति सजगता, जातिगत समानता और सार्वजनिक संसाधनों पर सबके अधिकार जैसे बिंदुओं पर केंद्रित है.
भागवत ने चार बैठकों में शाखाओं की गतिविधियों, विद्यार्थियों के बीच सेवा कार्यों और अन्य संगठनों की भूमिका पर चर्चा की. संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले भी पिछले दो दिनों से कानपुर में हैं और स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं.
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