लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य ये उन हमलावरों के नाम हैं, जिन्होंने प्रयागराज में शनिवार रात साढ़े 10 बजे के करीब माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी है. तीनों पत्रकार बनकर आए थे और जब अतीक अपने भाई अशरफ के साथ पुलिस की गाड़ी से उतरकर मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे उसी वक्त इन तीनों ने लगातार 9 सेकेंड तक उन लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. पूरी घटना प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल पास हुई.
सरेंडर... सरेंडर बोलते हुए कर दिया सरेंडर
अतीक और अशरफ की हत्या करने के बाद तीनों ही हमलावरों ने तत्काल सरेंडर कर दिया था. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें गिरफ्तार किया. मौके से तीन बंदूक कारतूस मिले हैं. आरोपियों के पास से एक कैमरा, एक माइक आईडी भी बरामद हुई है. घटना के बाद से यूपी में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है. पुलिस का प्रयास है कि किसी भी तरह से माहौल न बिगड़ने दिया जाए.
खबर से जुड़े बड़े अपडेट-
- हमलावर जिस मोटरसाइकिल से आए थे, उसका नंबर UP 70 M 7337 है. इस पल्सर मोटरसाइकिल के नंबर की फिलहाल जांच कराई जा रही है. पुलिस का कहना है कि पता किया जा रहा है कि ये नंबर किसके नाम पर रजिस्टर्ड है और कहीं ये फर्जी तो नहीं है. साथ ही ये भी पता किया जा रहा है कि हमलावरों ने कैमरा कहां से लिया है.
- सुरक्षा के मद्देनजर पूरी यूपी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. अफसरों को सड़कों पर उतरकर स्थिति पर नजर बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही पीस कमेटियों के साथ भी संपर्क करने को कहा गया है.
- लखनऊ में यूपी सीएम के सरकारी आवास की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है.
- सीएम योगी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. तीन सदस्यीय टीम मामले की जांच करेगी.
- प्रयागराज में धारा 144 लागू कर दी गई है.
- हमले के दौरान मौके पर मौजूद आजतक के कैमरामैन ने बताया कि हमलावरों ने अतीक और अशरफ को गोली मारने के बाद सरेंडर-सरेंडर चिलाया. इनमें से दो जमीन पर लेट गए और एक हाथ ऊपर करके पुलिस को सरेंडर करने लगे.
- इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश मौर्य की टीम अतीक अहमद को लाई थी, वही सबसे सीनियर अफसर थे, जो अतीक और अशरफ को लाए थे. कोई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं था. इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्या उमेश पाल हत्याकांड के विवेचक हैं.
- विवेचक के तौर पर राजेश कुमार मौर्या ही अतीक और अशरफ को पुलिस जीप में जगह-जगह ले जाकर मेडिकल और तलाशी करवा रहे थे. शनिवार को भी अतीक और अशरफ को जिस खंडहर नुमा इलाके में ले जाकर पिस्तौल और कारतूस बरामद करवाई गई, वहां राजेश मौर्या ही मौजूद थे.
- सीएम ने हाई लेवल की मीटिंग में डीजीपी और एडीजी देर रात सीएम आवास पहुंचे हैं. - मौके पर यूपी एसटीएफ और फॉरेंसिग टीम भी पहुंच गई है. - सीएम के एडवाइजर मृत्युंजय कुमार भी सीएम आवास पहुंचे हैं.
- मौके पर स्वाट कमांडो भी पहुंच गए हैं.
जानिए इस घटना पर किसने क्या कहा...
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे. उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं. JSR के नारे भी लगाये गये. दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है. एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ़ के सिस्टम का क्या काम?
वहीं, अलका लांबा ने कहा, हत्यारों ने लगाये जय श्रीराम के नारे. उत्तर प्रदेश में 2024 तक बस कुछ यूं ही चलता रहा तो पार्टी के भीतर मोदी नहीं योगी होंगें अंधभक्तों की पहली पंसद. योगी अपनी दावेदारी को पार्टी के भीतर मजबूत करते हुए. PulwamaAttack पर खुलासे ने PM मोदी की दावेदारी को किया कमज़ोर.
TMC नेता बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट किया, कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता, यहां तक कि गृह मंत्री भी नहीं. न ही सीएम. भले ही यह माफिया के खिलाफ हो. यह तालिबानी 'राज' है और प्रथम दृष्टया यह पूर्व नियोजित हत्या है. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए. भाजपा के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है.
समर्थ श्रीवास्तव / शिल्पी सेन