'अगर फ्री एंड फेयर वोटिंग होती तो...', बिहार चुनाव नतीजों पर मायावती ने लगाए गंभीर आरोप, कार्यकर्ताओं के हौसले को सराहा

मायावती ने बिहार चुनाव के नतीजों पर आरोप लगाया कि यदि मतदान पूरी तरह निष्पक्ष और स्वतंत्र होता, तो बसपा कई अधिक सीटें जीत सकती थी. उन्होंने कहा कि कई सीटों पर कड़ा मुकाबला होने के बावजूद बसपा उम्मीदवार जीत नहीं सके.

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महागठबंधन की हार और NDA लहर के बीच मायावती ने उठाए निष्पक्षता पर सवाल (Photo: PTI) महागठबंधन की हार और NDA लहर के बीच मायावती ने उठाए निष्पक्षता पर सवाल (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

BSP Chief on Bihar elections 2025 result: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि यदि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और बिना दबाव के कराया जाता, तो बसपा इस बार कई अधिक सीटें जीत सकती थी.

मायावती ने पार्टी उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव की रामगढ़ सीट (कैमूर जिला) से हुई ऐतिहासिक जीत पर कार्यकर्ताओं को बधाई दी. उन्होंने बताया कि इस सीट पर प्रशासन और विपक्षी दलों ने वोटों की दोबारा गिनती के बहाने बसपा के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं के साहस और दृढ़ता ने इस “साजिश” को नाकाम कर दिया.

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रामगढ़ में बसपा उम्मीदवार ने महज 30 वोटों से जीत दर्ज की, जहां उन्हें 72,689 वोट मिले. मायावती ने कहा कि इस बेहद करीबी मुकाबले के बावजूद बसपा कार्यकर्ता पूरी मजबूती से डटे रहे.

उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार के कई अन्य इलाकों में बसपा उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन फ्री एंड फेयर माहौल न होने के कारण जीत नहीं मिल सकी. पार्टी के फीडबैक का हवाला देते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती तो बसपा की सीटों की संख्या निश्चित रूप से ज्यादा होती.

यह भी पढ़ें: मायावती ने बनाया सत्ता की वापसी का DM फॉर्मूला... क्या मुस्लिमों का बसपा पर भरोसा बन पाएगा?

एनडीए की भारी जीत और महागठबंधन की करारी हार के राजनीतिक शोर के बीच मायावती के आरोपों ने नई चर्चा को जन्म दिया है. एनडीए ने इस बार लगभग 85 फीसदी स्ट्राइक रेट हासिल किया, जबकि विपक्ष दावा कर रहा है कि यह "फेयर चुनाव" नहीं था.

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मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि इस नतीजे से हताश होने की जरूरत नहीं है. बल्कि, अब और ज्यादा मजबूती और तैयारी के साथ जनता के बीच काम करना चाहिए, क्योंकि बसपा की विचारधारा और संघर्ष से जनता का भरोसा बढ़ रहा है.
 

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