UP: गैंगस्टर केस में बंद कैदी ने जिला जेल में लगाई फांसी, प्रशासन में मचा हड़कंप

मऊ जिला जेल में गैंगस्टर केस में बंद कैदी अजीत रावत ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. कैदी ने अस्पताल के पीछे पानी की पाइप में गमछा बांधकर जान दी. सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची और जांच शुरू की. शव को पैनल पोस्टमार्टम और वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ भेजा गया.

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जांच में जुटी पुलिस.(Photo: Representational) जांच में जुटी पुलिस.(Photo: Representational)

दुर्गा किंकर सिंह

  • मऊ,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:20 PM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की जिला जेल में बुधवार दोपहर अचानक अफरा-तफरी मच गई, जब जेल प्रशासन को पता चला कि एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मृतक कैदी की पहचान अजीत रावत के रूप में हुई है, जो चोरी और गैंग बनाकर वारदात करने के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत 29 अगस्त 2025 से जेल में बंद था. 

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वह गाजीपुर जिले के सैदपुर थाना क्षेत्र के विक्रमपुर गांव का रहने वाला था. अजीत रावत ने जेल के अंदर बने हॉस्पिटल के पीछे पानी की पाइप में अपने गमछे से लटककर जान दे दी. घटना की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन के साथ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए.

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फोरेंसिक टीम ने की जांच, पोस्टमार्टम पैनल से होगा

घटना की सूचना मिलते ही फोरेंसिक टीम ने जिला जेल पहुंचकर उस जगह की बारीकी से जांच की, जहां कैदी ने फांसी लगाई थी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेजा और बताया कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ कराया जाएगा.

सीओ सिटी अंजनी कुमार पांडे ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे उन्हें सूचना मिली थी कि जेल में एक कैदी ने आत्महत्या कर ली है. मौके पर पहुंचने पर पता चला कि कैदी गमछे से फांसी लगाकर मृत पाया गया. उन्होंने कहा कि पंचनामा की कार्रवाई पूरी कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है.

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कैदी पर गैंगस्टर एक्ट का था मुकदमा

मृतक अजीत रावत पर मऊ जनपद के चिरैयाकोट थाने में चोरी के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज था. पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट है कि घटना आत्महत्या है, लेकिन मौत की वास्तविक परिस्थितियों को समझने के लिए सभी पहलुओं की जांच की जा रही है.

जेल प्रशासन और पुलिस अब यह भी जांच कर रहे हैं कि कैदी तक गमछा कैसे पहुंचा और उसने फांसी लगाने के लिए मौके का चुनाव कैसे किया. मामले में आगे कानूनी कार्रवाई जारी है.

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