कानपुर में बड़ा प्रशासनिक टकराव! पुलिस और राज्य महिला आयोग की सदस्य आमने-सामने; हद में रहने की नसीहत तक दे डाली

कानपुर में पुलिस और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता के बीच बड़ा टकराव हुआ है. बर्रा थाने के औचक निरीक्षण के दौरान अनियमितता मिलने पर आयोग सदस्य की हिदायत पर कानपुर पुलिस ने पलटवार किया. पुलिस विभाग ने उन्हें अधिकारों की सीमाओं का अवलोकन कराने वाला नोटिस थमा दिया है.

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कानपुर में पुलिस और महिला आयोग की अनीता गुप्ता के बीच टकराव (Photo- Screengrab) कानपुर में पुलिस और महिला आयोग की अनीता गुप्ता के बीच टकराव (Photo- Screengrab)

सिमर चावला

  • कानपुर ,
  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

कानपुर में पुलिस और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के बीच बड़ा प्रशासनिक टकराव सामने आया है. मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस विभाग ने राज्य महिला आयोग की सदस्य को नोटिस तक थमा दिया. इसके साथ ही नोटिस के माध्यम से आयोग की सदस्य को अधिकारों से लिखित अवगत कराया, जिसपर महिला आयोग की सदस्य ने अब पलटवार किया है.

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दरअसल, राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता ने कुछ दिन पहले कानपुर के बर्रा थाने का औचक निरीक्षण किया था. सूत्र बताते हैं कि निरीक्षण के दौरान उन्हें थाने में महिलाओं से जुड़े मामलों के रखरखाव और रिकॉर्ड में कई अनियमितताएं मिलीं. इसके बाद आयोग की सदस्य ने थाने को मामलों में लापरवाही न करने की हिदायत दी.

इसी हिदायत के जवाब में कानपुर पुलिस ने पलटवार करते हुए राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता को ही “उनकी सीमाओ का अवलोकन कराने” वाला नोटिस थमा दिया. यह नोटिस कथित तौर पर कानपुर के जोनल जेसीपी (कानून व्यवस्था) वी.के. सिंह की ओर से जारी किया गया. जिसमे लिखा गया है- 

1. कानूनी प्रावधानों एवं निर्धारित क्षेत्राधिकारियों के अनुसार राज्य महिला आयोग के सदस्यों को पुलिस थानों का सीधे निरीक्षण करने का अधिकार प्राप्त नहीं है.

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2. ऐसे निरीक्षणों के फलस्वरूप दैनिक पुलिस कार्य में अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न होता है, जिससे जनता को उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएं तथा आपातकालीन दायित्वों का निर्वहन प्रभावित होता है. यह स्थिति पुलिस व्यवस्था की निरंतरता के लिए बाधक सिद्ध होती है.

3. अतः उपर्युक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में दृढ़तापूर्वक अपेक्षा की जाती है कि आप अपने प्रदत्त अधिकारों एवं शक्तियों के अंतर्गत ही कार्य करें. पुलिस विभाग के कार्य, व्यवस्था एवं आंतरिक कार्यप्रणाली से संबंधित निरीक्षण कार्य आपके क्षेत्राधिकार में सम्मिलित नहीं है, अतः भविष्य में ऐसे किसी भी निरीक्षण से बचा जाना अपेक्षित है, ताकि पुलिस विभाग अपनी संवैधानिक एवं प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से कर सके.

इसके बाद राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता ने जेसीपी वी.के. सिंह द्वारा भेजे गए इस पत्र को मानसिक रूप से बीमार और अज्ञानता करार दिया है. अनीता गुप्ता ने भेजे गए नोटिस के जवाब में अपना एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि पुलिस अधिकारी को कानून की जानकारी कम है और वे महिला अपराधों से जुड़े मामलों को दबाने-छिपाने का प्रयास कर रहे हैं, इसी कारण उन्होंने जानकारी के अभाव में आयोग को नोटिस दिया है. अनीता गुप्ता ने पूरी घटना की लिखित शिकायत राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान को भी भेज दी है और मामले का संज्ञान लेने की मांग की है. फिलहाल, पुलिस द्वारा राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता को भेजे गए इस नोटिस के बाद ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.

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