'बकरीद पर अगर प्रतिबंधित पशु कटेंगे तो...', कुशीनगर में यूपी के मंत्री राजेश्वर सिंह का विवादित बयान

मंत्री राजेश्वर सिंह ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बकरीद आ रही है. इस दौरान मुसलमानों को हम गाय नहीं काटने देंगे. अगर प्रतिबंधित पशु कटेंगे तो मुसलमान भी कटेंगे और कुशीनगर में खून की धारा बह जाएगी.

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यूपी के दर्जा प्राप्त मंत्री राजेश्वर सिंह यूपी के दर्जा प्राप्त मंत्री राजेश्वर सिंह

aajtak.in

  • कुशीनगर ,
  • 06 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री राजेश्वर सिंह के एक बयान से सियासी पारा गर्म हो गया है. उन्होंने 5 जून को कुशीनगर जिले में बोलते हुए कहा कि हम सभी को महाराज जी (सीएम योगी) के जन्मदिन पर संकल्प लेना है कि कोई भी पशु जो प्रतिबंधित है, उसे कटने नहीं देना है. प्रतिबंधित पशु है- गाय माता... और गाय माता की हमें रक्षा करनी है. गाय, बछड़े, ऊंट आदि किसी भी बड़े पशु को हम नहीं कटने देंगे. 

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मंत्री राजेश्वर सिंह ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बकरीद आ रही है. इस दौरान मुसलमानों को हम गाय नहीं काटने देंगे. अगर प्रतिबंधित पशु कटेंगे तो मुसलमान भी कटेंगे और कुशीनगर में खून की धारा बह जाएगी.

दरअसल, राजेश्वर सिंह का इशारा बकरीद को लेकर था कि जिसमें बकरे की कुर्बानी दी जाती है. इसको लेकर उन्होंने दो टूक कहा कि किसी भी हालत में प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी नहीं दी जाएगी. हालांकि, इसको लेकर पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है. पुलिस ने साफ कर दिया है कि कुर्बानी सार्वजनिक जगह पर ना दी जाए और प्रतिबंधित पशु का वध ना किया जाए. नियम विरुद्ध काम करने वाले पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.

बकरीद को लेकर यूपी डीजीपी का निर्देश 

उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने पूरे राज्य में बकरीद को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से मनाने के लिए व्यापक निर्देश जारी किए. इन निर्देशों के अनुरूप यूपी पुलिस द्वारा व्यापक तैयारियां और कार्रवाई की गई है. प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यूपी पुलिस ने निवारक उपायों, सामुदायिक सहभागिता और कड़ी सतर्कता पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक बहुआयामी रणनीति लागू की है. किसी भी नई परंपरा की शुरुआत को रोकने के लिए पुलिस थानों ने अपने त्योहार रजिस्टरों की गहन समीक्षा की है. 

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यह भी पढ़ें: धीरेंद्र शास्त्री ने बकरीद की बलि प्रथा को बताया निंदनीय, पलटवार में एसटी हसन बोले- योगी जैसा बनने की होड़

स्थानीय मजिस्ट्रेट और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय में धार्मिक नेताओं, शांति समितियों, नागरिक सुरक्षा कर्मियों और प्रमुख नागरिकों के साथ बैठकें आयोजित की गई हैं, ताकि उत्कृष्ट समन्वय और संवाद को बढ़ावा दिया जा सके. कुर्बानी से संबंधित किसी भी नई परंपरा की अनुमति नहीं दी गई है.  

प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर सख्त प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इसके अलावा, कुर्बानी के बाद अवशेषों के उचित निपटान के लिए नगर निगमों और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है. पुलिस ने सभी ईद-उल-अजहा कार्यक्रमों और हॉटस्पॉट को सूचीबद्ध किया है. जोन या सेक्टर योजनाओं के अंतर्गत राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) और होमगार्ड बलों को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है. 

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कुशीनगर से संतोष सिंह की रिपोर्ट

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