नोएडा में फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश, ऑनलाइन गेमिंग के जरिए करते थे ठगी... 8 गिरफ्तार

सेट्रल नोएडा में एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. यह गिरोह ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर लोगों से ठगी करता था. मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक महिला भी शामिल है.

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पुलिस गिरफ्त में आरोपी ठग. (Photo: ARUN TYAGI/ITG) पुलिस गिरफ्त में आरोपी ठग. (Photo: ARUN TYAGI/ITG)

अरुण त्यागी

  • नोएडा,
  • 15 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

सेट्रल नोएडा स्तिथ थाना बिसरख पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग एप के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. इनके कब्जे से भारी मात्रा में कूटरचित बैंक पासबुक, चेकबुक, फर्जी एटीएम कार्ड, प्री-एक्टिवेटेड सिम, 8 लैपटॉप, 56 मोबाइल फोन सहित अन्य उपकरण बरामद हुए हैं. यह पूरा गिरोह “विनबुज” नामक ऑनलाइन गैमिंग/बैटिंग एप के माध्यम से लोगों को झांसा देकर रोज 8 से 10 लाख रुपये तक की ठगी करने का धंधा चला रहा था.

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घटना का खुलासा तब हुआ जब पुलिस को सूचना मिली कि एक समूह फ्लैट में बैठकर लैपटॉप और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन गेमिंग के बहाने लोगों से धोखाधड़ी कर रहा है. आरोपियों ने बताया कि वे विनबुज नाम से एक ऑनलाइन गेमिंग एप चलाते हैं.जिसमें क्रिकेट, कैसिनो, एविएटर, रूलेट और “हरालाल नंबरिंग गेम” जैसे खेलों की आड़ में बेंटिंग कराते हैं. गिरोह सबसे पहले सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर गेमिंग विज्ञापन चलवा कर लोगों को लालच देता था.

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इनके नेटवर्क में “लियो” नाम का व्यक्ति लिंक उपलब्ध कराता था. जिसके जरिए लोग उनकी फर्जी वेबसाइट पर पहुंचते थे. इसके बाद आरोपी उनसे गेम खेलने के लिए पैसे जमा कराने के नाम पर धनराशि लेते थे और उनके अकाउंट में काल्पनिक प्वाइंट व करेंसी डालते थे. शुरू में छोटी राशि जिता कर यूजर को लालच में डाला जाता था, ताकि वह दोबारा और अधिक पैसा लगाए. जैसे ही लोग बड़ी रकम लगाने लगते, एप में उन्हें लगातार हारने पर मजबूर किया जाता और उनकी पूरी राशि डूबा दी जाती. इस तरह आरोपी रोज 8–10 लाख रुपये तक की ठगी कर रहे थे.

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पूछताछ में सामने आया कि गिरोह फर्जी आईडी के आधार पर बैंक खाते खुलवाता था. इसके लिए वे दूसरों की आईडी लेकर उसी नाम पर फर्जी सिम कार्ड खरीदते और फिर उसी सिम पर बैंक खाता खुलवाते. इन खातों का उपयोग केवल ठगी की रकम मंगाने और आगे ट्रांसफर करने में किया जाता था. आरोपियों के पास से बरामद सभी सिम कार्ड प्री-एक्टिवेटेड और किसी अन्य के नाम से जारी किए गए मिले हैं. गिरोह एक आईडी पर करीब 3,000 क्लाइंट्स जोड़ लेता था. जिन खातों में 50 हजार रुपये से अधिक जमा हो जाते थे उन्हें तुरंत इनएक्टिव कर दिया जाता ताकि पकड़ में न आएं. पैसे को अलग-अलग खातों में घुमा-फिरा कर वे लियो द्वारा बताये खाते में ट्रांसफर कर देते और एटीएम/डेबिट कार्ड के जरिये निकाल लेते.

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डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि टीम ने फ्लैट नंबर 2101 टॉवर-1 ला रेजीडेंसिया सोसायटी में रेड की. अंदर एक टेबल पर लैपटॉप, मोबाइल, सिम कार्ड, बैंक पासबुक और चेकबुक का ढेर लगा हुआ था. कई आरोपी लैपटॉप पर लाइव गेमिंग और बेंटिंग की कमांड्स चला रहे थे और लोग फोन पर हार-जीत की बाजी लगा रहे थे. पुलिस ने सभी आठ आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया है.

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गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंकित सिंह (24), हिमांशु (20), चिराग जैन (21), प्रथम मिश्रा (22) . हर्षित वर्मा, (23), अंश वर्मा (20), नितिन बाबू (22), कीर्ति (23) रूप में हुई है. सभी आरोपी इटावा जिले के रहने वाले हैं और लगभग तीन महीने से नोएडा के इस फ्लैट में बैठकर बड़ पैमाने पर ऑनलाइन ठगी का खेल चला रहे थे. सभी आरोपियों ने पुलिस को बताया वे लियो नाम के शख्स के साथ मिलकर फर्जी ऑनलाइन गेमिंग/बैटिंग का नेटवर्क चला रहे थे. रोजाना 8–10 लाख रुपये तक की ठगी करते थे.  
 

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