गोरखपुर: हरिशंकर तिवारी के बेटे राजनीति कर रहे, सपा भी बाज आए... मूर्ति विवाद पर बोले चिल्लूपार से BJP विधायक

चिल्लूपार से बीजेपी विधायक राजेश त्रिपाठी का कहना है कि हरिशंकर तिवारी जी के दोनों बेटे जीते जी तो अपने पिता का सम्मान कर नहीं पाए और मरने के बाद भी सम्मान नहीं कर रहे हैं. मूर्ति-मूर्ति खेलते हैं इससे अपने पिता की आत्मा को ठेस पहुंचा रहे हैं.

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चिल्लूपार से BJP विधायक राजेश त्रिपाठी (बाएं) और हरिशंकर तिवारी (दाएं) चिल्लूपार से BJP विधायक राजेश त्रिपाठी (बाएं) और हरिशंकर तिवारी (दाएं)

रवि गुप्ता

  • गोरखपुर,
  • 05 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को तोड़े जाने के बाद सियासत तेज हो गई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसको लेकर बीजेपी सरकार पर फिर से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस सरकार का एक ही काम है और वो है बिगाड़ना. अगर हरिशंकर जी के लोग उन्हें सम्मान देना चाहते हैं, उनकी प्रतिमा लगाना चाहते हैं तो आपको क्या दिक्कत है. वहीं, जब इस बाबत चिल्लूपार सीट से बीजेपी विधायक राजेश त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने हरिशंकर तिवारी के बेटों पर ही राजनीति करने का आरोप जड़ दिया. 

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गौरतलब है कि बीते दिनों चिल्लूपार के बड़हलगंज टांडा गांव में हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को शासन द्वारा तुड़वा दिया गया था. इसका मुद्दा सपा नेताओं ने विधानसभा में भी उठाया था. वहीं, अखिलेश यादव ने कहा था कि अब तक बीजेपी का बुलडोजर दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. 

क्या बोले चिल्लूपार विधायक राजेश त्रिपाठी?

लेकिन अब इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक राजेश त्रिपाठी का कहना है कि हरिशंकर तिवारी जी के दोनों बेटे जीते जी तो अपने पिता का सम्मान कर नहीं पाए और मरने के बाद भी सम्मान नहीं कर रहे हैं. मूर्ति-मूर्ति खेलते हैं इससे अपने पिता की आत्मा को ठेस पहुंचा रहे हैं. पहले जो मूर्ति लगा दी उसे देखने तक नहीं जाते.  

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बकौल राजेश त्रिपाठी- उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है, इसलिए अपने पिता का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं. मूर्ति लगवाने का प्रकरण महज एक साजिश है. अगर समर्थक मूर्ति लगाना चाहते हैं तो अच्छी बात है, लगनी चाहिए मूर्ति, लेकिन नियमतः लगे. 

वहीं, हरिशंकर तिवारी को 'ब्राह्मण शिरोमणि' की संज्ञा दिए जाने पर चिल्लूपार से बीजेपी विधायक ने कहा कि मैं नहीं मानता कि वो ब्राह्मण शिरोमणि थे. किसी ब्राह्मण के वह आदर्श नहीं हो सकते हैं. चूंकि, मैं उनकी (हरिशंकर तिवारी) सीट से वर्तमान में विधायक हूं इसलिए उनकी जयंती पर बधाई देता हूं, और यह राजनीतिक शिष्टाचार भी है. 

विधायक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा वाले झूठ बोलने से कब बाज आएंगे. उन्होंने सदन में कह दिया कि हरिशंकर तिवारी के नाम पर बना  गेट तोड़ दिया गया, लेकिन असल में ऐसा कुछ है ही नहीं. सिर्फ अर्धनिर्मित चबूतरा तोड़ा गया. 

हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर का बयान 

वहीं, जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी ने भी फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी थी. जिसमें उन्होंने लिखा, 'यह राजनैतिक अराजकता है .. प्रशासनिक गुंडई है ..या सत्ता का अहंकार .. नीचता निकृष्टता की पराकाष्ठा या व्यक्तिगत शत्रुता.. ब्राह्मण स्वाभिमान को चुनौती या समूची इंसानियत की हत्या .. यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है !'

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बता दें कि इस मामले को शिवपाल यादव ने भी विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा था कि हरिशंकर तिवारी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं. इस मामले में समाजवादी पार्टी जांच की मांग करती है. 

दरअसल,हरिशंकर तिवारी के जन्म दिन पर उनके पैतृक गांव टांडा में उनकी प्रतिमा लगाने के लिए एक चबूतरे का निर्माण हुआ था. जिसे पुलिस ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था. इसको लेकर ग्रामीणों का तर्क है कि प्रतिमा के लिए इजाजत ली गई थी, जबकि प्रशासन का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली थी कि ये सरकारी जमीन पर बनाया जा रहा है जिसके लिए इजाजत नहीं ली गई है. हरिशंकर तिवारी गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से 7 बार विधायक रहे थे. वह कई बार राज्य सरकार में मंत्री भी रहे. पिछले साल हरिशंकर तिवारी का निधन हो गया था.

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