मान-सम्मान पर बुलडोजर... प्रशासन ने गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहा चबूतरा तोड़ा तो भड़के अखिलेश

Gorakhpur News: दिवंगत हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनकी प्रतिमा लगाने के लिए बन रहे चबूतरे को पुलिस-प्रशासन ने बुलडोजर से ढहवा दिया. इसको लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अब तक बीजेपी का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. 

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गोरखपुर: हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने का मामला गोरखपुर: हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा लगाने का मामला

गजेंद्र त्रिपाठी

  • गोरखपुर ,
  • 01 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:06 PM IST

यूपी के गोरखपुर में उस वक्त हलचल बढ़ गई जब हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनकी प्रतिमा लगाने के लिए बन रहे चबूतरे को पुलिस-प्रशासन ने बुलडोजर से ढहवा दिया. पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल के बाहुबली नेता के तौर पर पहचाने जाते थे. बीते दिन उनके समर्थक पैतृक गांव बड़हलगंज टांडा में उनकी प्रतिमा स्थापित करने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इसको लेकर हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर ने नाराजगी जताई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अब तक बीजेपी का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. 

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दरअसल, हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा से कई बार विधायक रहे, इसी विधानसभा में उनका पैतृक गांव पड़ता है. यहां पर 31 जुलाई को तिवारी के समर्थक उनकी प्रतिमा लगवा रहे थे. इसके लिए चबूतरे को बनाया गया था. काफी संख्या में लोग भी जमा हो गए थे. मगर प्रशासन को इसकी भनक लगते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और मूर्ति स्थापित करने से रोक दिया. अधिकारियों का कहना था कि ग्रामीण बिना अनुमति के ये काम कर रहे थे, ग्रामसभा की जमीन पर चबूतरा निर्माण पर कार्रवाई हुई है. जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन न तो अनुमति दे रहा था न ही मना कर रहा था. 

इसी बीच बुधवार को एसडीएम, सीओ समेत कई थानों की फोर्स गांव पहुंची और निर्माणाधीन चबूतरे को जेसीबी/बुलडोजर से ढहा दिया. हालांकि, इस दौरान अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. 

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मामले में चिल्लूपार के पूर्व विधायक और हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी ने इसे खेदजनक बताते हुए निराशा व्यक्त की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि जिस सरकार में (कल्याण सिंह के जमाने में) पिता जी मंत्री रहे हैं, आज उसी सरकार (योगी सरकार) के शासनाधीश द्वारा सत्ता के अहंकार में उनका अपमान किया जा रहा है. 

बकौल विनय शंकर- पिता जी की मृत्यु के बाद इसी सरकार ने उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया था. पूर्व की कई सरकारों में पिता मंत्री रहे हैं. गांव में उनकी प्रतिमा लगाने का निर्णय ग्रामीणों का था ना कि उनका. मगर सत्ता के मद में चूर सरकार द्वारा हरिशंकर तिवारी की मूर्ति स्थापित करने के लिए बनाए जा रहे हैं चबूतरे को ध्वस्त कर दिया गया. चबूतरे के बगल में लगा हाईमास्ट भी गिरा दिया गया. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. ये कतई उचित नहीं है.

वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि अब तक बीजेपी का बुलडोज़र दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है. चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को बीजेपी सरकार द्वारा तुड़वा देना, बेहद आपत्तिजनक कृत्य है. प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके. निंदनीय. 

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