जाकिर बने जगदीश, सबीरा हो गई सावित्री... मुस्लिम परिवार के 8 लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म, कहा- घर वापसी है

वृंदावन के एक आश्रम में वैदिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित धार्मिक समारोह में मथुरा के जमुनापार क्षेत्र के एक मुस्लिम परिवार के आठ सदस्यों ने गुरुवार को हिंदू धर्म अपना लिया. परिवार के सदस्यों ने अपना नाम भी बदल लिया और इसे घर वापसी कहा.

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मथुरा में मुस्लिम परिवार ने अपनाया हिंदू धर्म (सांकेतिक तस्वीर) मथुरा में मुस्लिम परिवार ने अपनाया हिंदू धर्म (सांकेतिक तस्वीर)

aajtak.in

  • वृंदावन,
  • 02 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

उत्तर प्रदेश में वृंदावन के एक आश्रम में वैदिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित धार्मिक समारोह में मथुरा के जमुनापार क्षेत्र के एक मुस्लिम परिवार के आठ सदस्यों ने गुरुवार को हिंदू धर्म अपना लिया. परिवार के सदस्यों ने अपना नाम भी बदल लिया और कहा कि यह फैसला स्वैच्छिक है और उनके पुश्तैनी धर्म पर आधारित है. परिवार के मुखिया 50 साल के जाकिर - जो अब जगदीश नाम से जाने जाते हैं - मूल रूप से जिले के शेरगढ़ क्षेत्र के रहने वाले हैं, लेकिन सालों से अपनी ससुराल के गांव में रहकर दुकान चला रहे हैं.

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'मुगल काल तक हमारे पूर्वज हिंदू थे'

मीडिया से बात करते हुए जगदीश ने कहा, 'मुगल काल तक हमारे पूर्वज हिंदू थे. उन्होंने दबाव में आकर इस्लाम धर्म अपना लिया था. लेकिन मन, वचन और कर्म से मैं देवी काली की पूजा करता रहा हूं. गांव के लोग आज भी मुझे 'भगत जी' कहते हैं.'
 
उन्होंने बताया कि मूल रूप से गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार पिछले तीन सालों से अपनी जड़ों की ओर लौटने के बारे में सोच रहा था. उन्होंने कहा, 'हमने हिंदू धर्म में पूरी आस्था रखते हुए, बिना किसी दबाव या प्रलोभन के यह कदम उठाया है.' 

हवन-यज्ञ अनुष्ठान के बाद धर्म परिवर्तन

वृंदावन के श्री जी वाटिका कॉलोनी में भागवत धाम आश्रम में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा पूरे परिवार का धर्म परिवर्तन कराया गया. जगदीश की पत्नी, बेटों, बहुओं और पोते-पोतियों सहित परिवार ने एक घंटे तक चले हवन-यज्ञ अनुष्ठान में भाग लिया. धर्म परिवर्तन के बाद उनके नाम इस प्रकार बदले गए- जाकिर का नाम जगदीश, उनकी पत्नी गुड्डी का नाम गुड़िया, बड़े बेटे अनवर का नाम सुमित, छोटे बेटे रनवर का नाम रामेश्वर, बहू सबीरा का नाम सावित्री और पोते-पोतियों - साबिर, जोया और नेहा का नाम क्रमश: शत्रुघ्न, सरस्वती और स्नेहा रखा गया.

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स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण रही पूरी प्रक्रिया

हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शरद सैनी ने बताया कि परिवार ने गंगा जल से शुद्धिकरण किया और समारोह से पहले भगवा दुपट्टा पहना. उन्होंने कहा, 'उन्होंने यह कदम पूरी तरह से अपनी मर्जी से उठाया है. यहां तक ​​कि बच्चे भी अपने पैतृक धर्म में वापस लौटने को लेकर पूरी तरह से सहायक और खुश थे.'वृंदावन कोतवाली प्रभारी प्रशांत कपिल ने कहा, 'पूरी प्रक्रिया स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण थी. इसमें किसी तरह का दबाव या प्रलोभन शामिल नहीं था और किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ी.'

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