यूपी के देवरिया में जमीनी विवाद में बीते महीने 6 लोगों की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के कप्तान, डीएम और राजस्व से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने निर्देश दिया था जमीनी विवाद को गंभीरता से लिया जाए और जरूरत पड़ने पर अधिकारी स्वयं मौके पर जाएं और निपटारा करें. लेकिन देवरिया कांड और सीएम योगी की नसीहत के बावजूद जमीनी विवाद को सुलझाने में कई जिलों के डीएम की लापरवाही सामने आई है.
सीएम योगी को समीक्षा बैठक में 12 जिलों के डीएम का राजस्व मामलों के निस्तारण में सबसे खराब परफॉर्मेंस मिला. खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाधिकारियों में प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के डीएम का नाम शामिल रहा. जिसके बाद इन जिलों के डीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
वहीं, जमीन पैमाइश के मामले में हीला-हवाली बरतने वाले पांच एसडीएम को चेतावनी जारी की गई है. इनमें उन्नाव के सफीपुर, गाजियाबाद के लोनी, प्रयागराज के कोराव, सहारनपुर के नकुड और आगरा के फतेहाबाद एसडीएम का नाम शामिल है.
जमीन पैमाइश में मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज शाहजहांपुर और आगरा के डीएम से भी मुख्यमंत्री ऑफिस ने स्पष्टीकरण मांगा है. जबकि, जमीनों के नामांतरण के मामले में कोताही बरतने वाले सोनभद्र के दुद्धी, बहराइच के मिहिरपुरवा, सोनभद्र के ओबरा प्रयागराज के मेजा और रायबरेली के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि भेजी गई है.
मुख्यमंत्री ऑफिस ने स्पष्टीकरण मांगा
सीएम योगी की समीक्षा बैठक के दौरान रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और संत रविदास नगर के डीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है. साथ ही और भी कई अधिकारियों के पेंच कसे गए हैं.
गौरतलब है कि देवरिया की घटना के बाद शासन स्तर पर हर 15 दिन में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक शुरू की गई है. इस बैठक में प्रदेश भर के 2941 राजस्व न्यायालय में लंबित मामलों के दो माह में निस्तारण के आदेश दिए गए हैं.
वहीं, 31 अक्टूबर को हुई समीक्षा के बाद जमीनी विवाद के निस्तारण में खराब परफॉर्मेंस करने वाले जिलों के डीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया और एसडीएम को चेतावनी जारी की गई.
संतोष शर्मा