'नकल कराओ नहीं तो हाथ-पैर तोड़ दूंगा', जब बृजभूषण सिंह ने दी थी छात्र को धमकी, बताया कैसे आठवीं में 3 बार हुए फेल

बृजभूषण शरण सिंह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि मैं कक्षा 8 में दो साल लगातार फेल हुआ. फेल भी ऐसा हुआ कि नीचे से टॉप था. सिर्फ खेलकूद वाले सब्जेक्ट में ही पास हुआ. हालांकि, बाद में नकल करके जैसे-तैसे पास हो गया.

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पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Photo-@b_bhushansharan/X) पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Photo-@b_bhushansharan/X)

अंचल श्रीवास्तव

  • गोंडा ,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST

यूपी के कैसरंगज से बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि मैं कक्षा 8 में दो साल लगातार फेल हुआ. फेल भी ऐसा हुआ कि नीचे से टॉप था. सिर्फ खेलकूद वाले सब्जेक्ट में ही पास हुआ. हालांकि, बाद में नकल करके जैसे-तैसे पास हो गया. मगर नकल के कारण मुझे बहुत आत्मग्लानि हुई और मैं रात भर सो नहीं सका. खुद से बात की, फिर तय किया कि अब अपने काम में मन लगाऊंगा. 

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दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह बीते दिन गोंडा के बालपुर पहुंचे थे. यहां उन्होंने छात्रों के प्रतिभा सम्मान समारोह में शिरकत की. इस दौरान हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं, उनके पैरेंट्स और आम लोग मौजूद थे. यहीं पर मंच से बोलते हुए पूर्व सांसद छात्रों को अपने बचपन की कहानी सुनाने लगे. देखें वीडियो- 

बृजभूषण ने कहा- मैं कक्षा 8 में तीन बार फेल हुआ. फिर फेल न हो जाऊं इसके लिए बगल में बैठे छात्र को धमकाया और उससे अपनी कॉपी लिखवाई और पास हो गया. उसके बाद मैंने अपने आप से बात करना शुरू किया और जाना कि दिक्कत कहां है. इसलिए बच्चों अपने से बात करना शुरू करो और समस्या का समाधान निकालो, इस पर अमल करो और तरक्की करो.

मजाकिया अंदाज में बोलते हुए बृजभूषण सिंह ने आगे कहा कि बचपन से बहुत तेज था. खेलकूद में एकदम आगे रहता था. जब तक दस-पांच को पीट नहीं देता था, तब तक नाश्ता नहीं करता था. कक्षा 8 में कुल तीन बार फेल हुआ, दो साल तो लगातार फेल हुआ. जब पास हुआ तो नकल कर के हुआ. बगल वाले लड़के से कहा कि नकल कराओ नहीं तो बाहर पीट दूंगा. 

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बृजभूषण ने कहा कि सब विषय में तो मैंने खूब अच्छे से नकल की लेकिन अंग्रेजी का जब पेपर आया तो हाथ-पैर फूल गए, क्योंकि 'अंग्रेजी माई'से कभी सामना ही नहीं हुआ था. मेरे बगल में एक तिवारी लड़का था, वह लिख रहा था अंग्रेजी, मैंने उससे कहा कि तिवारी पहले मेरा लिख दो तो उसने कहा कि हम अपना लिखे या तुम्हारा लिखे. इसपर मैंने कहा कि मैं लगातार फेल हो रहा हूं, कुर्सी-मेज तक पास होकर अगली कक्षा में पहुंच गए हैं. नहीं लिखोगे तो अभी बाहर निकलते ही तुम्हारा हाथ-पैर तोड़ डालूंगा. इसके बाद किसी तरीके से तिवारी ने कॉपी लिखी.  

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