UP: लंदन में बैठ 4 साल तक सरकार से सैलरी लेता रहा मौलाना, पाक समेत कई देशों में की यात्रा

भारत की नागरिकता छोड़कर लंदन में शिफ्ट होने के बाद भी एक मौलाना को 5 साल तक मदरसा शिक्षक के रूप में सैलरी दी जा रही थी. इसका खुलासा एटीएस की रिपोर्ट में हुआ. जिसके बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण के 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

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मौलाना शमशुल हुदा खान, जो लंदन में बैठकर सैलरी ले रहा था. (File Photo: ITG) मौलाना शमशुल हुदा खान, जो लंदन में बैठकर सैलरी ले रहा था. (File Photo: ITG)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 23 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:21 AM IST

भारत की नागरिकता छोड़कर लंदन में बैठे मौलाना को गलत ढंग से मदरसा शिक्षक (Madrasa Teacher) के तौर पर लाखों रुपए वेतन देने के मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले में साल 2014 से 2017 के बीच आजमगढ़ (Azamgarh) में तैनात रहे 4 जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है.

इन अधिकारियों को किया गया सस्पेंड

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शासन की तरफ से जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें वर्तमान में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर शेषनाथ पांडे, गाजियाबाद में तैनात साहित्य निकश सिंह, अमेठी में तैनात प्रभात कुमार और बरेली में तैनात जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लालमन शामिल हैं. 

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जानें क्या था मामला?

संत कबीर नगर के खलीलाबाद इलाके के रहने वाला मौलाना शमशुल हुदा खान आजमगढ़ के मदरसा अशरफिया मिस्बाह-उल- उलूम में शिक्षक था. दावते इस्लामी से जुड़े मौलाना शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर 2013 को भारत की नागरिकता छोड़कर लंदन की नागरिकता ले ली थी. लंदन की नागरिकता लेने के बावजूद शमशुल हुदा मदरसा प्रबंधक, प्रधानाचार्य व विभागीय अफसर की मिली भगत से जुलाई 2017 तक वेतन लेता रहा.

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इतना ही नहीं मौलाना शमशुल हुदा खान ने वीआरएस लेने के बाद अपना जीपीएफ और पेंशन भी ली. मामले की जांच करवाई गई तो जनवरी 2022 ने एडीएम प्रशासन आजमगढ़ ने जांच के बाद 16.59 लाख की रिकवरी का आदेश जारी कर दिया था.

बीते महीने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी एटीएस के वाराणसी यूनिट ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि मदरसा शिक्षक रहते हुए शमशुल हुदा खान ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका के साथ-साथ तीन से चार बार पाकिस्तान तक गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान व कश्मीर के तमाम लोगों से समशुल हुड्डा के रिश्ते हैं. ऐसे में उसकी पूरी गतिविधि संदिग्ध मिली है.

 ATS की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुई FIR

एटीएस की इस रिपोर्ट के आधार पर ही संत कबीर नगर के खलीलाबाद में शमशुल हुदा खान पर एफआईआर भी दर्ज करवाई गई और अब शासन ने वेतन जारी करने वाले आजमगढ़ के तत्कालीन कर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को सस्पेंड किया है.

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