मोबाइल की लत की हद! स्विमिंग करते हुए फोन चलाती दिखी महिला, वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो की वजह से एक बार फिर मोबाइल एडिक्शन को लेकर बहस छिड़ गई है. दुनिया भर में करीब 25 करोड़ लोग सोशल मीडिया की लत से जूझ रहे हैं. यह आदत न सिर्फ लोगों को अकेला और अवसादग्रस्त बना रही है.

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दुनिया भर में करीब 25 करोड़ लोग सोशल मीडिया की लत से जूझ रहे हैं (Photo:Insta/@browncardigan) दुनिया भर में करीब 25 करोड़ लोग सोशल मीडिया की लत से जूझ रहे हैं (Photo:Insta/@browncardigan)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

ऑस्ट्रेलिया से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि टेक्नोलॉजी इंसान की जिंदगी में कितनी गहराई तक घुस चुकी है. इस वीडियो में एक महिला को स्विमिंग करते हुए मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हुए देखा गया, जिसे देखकर लोग हैरान भी हैं और चिंतित भी.

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यह वीडियो सिडनी के मशहूर बॉन्डाई आइसबर्ग्स पूल का बताया जा रहा है. शुरुआत में सब कुछ सामान्य नजर आता है. कैमरा एक शांत से पूल सीन को दिखाता है, लेकिन जैसे ही फोकस एक महिला पर जाता है, नजारा पूरी तरह बदल जाता है.


वीडियो में महिला पीठ के बल तैरते हुए एक हाथ में मोबाइल पकड़े रहती है और लगातार स्क्रीन देखती रहती है. हैरानी की बात यह है कि वह पानी में होते हुए भी फोन से नजर नहीं हटा रही. यही दृश्य लोगों के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बन गया.

'दुनिया पागल हो रही है'

वीडियो पर कमेंट करने वालों ने इसे डिजिटल लत का खतरनाक उदाहरण बताया. एक यूज़र ने लिखा, “एक प्रजाति के तौर पर अब हम जिस जगह पहुंच चुके हैं, वहां से लौटना मुश्किल है.” दूसरे ने इसे अब तक की सबसे ‘डिस्टोपियन’ चीज़ करार दिया. एक और यूजर ने लिखा, 'दुनिया सच में पागल हो गई है, फोन नीचे रखो और असली दुनिया में जियो.' वहीं एक यूज़र ने मजाकिया अंदाज में लिखा, 'आप फोन के भी आदी हैं और बीच लाइफ के भी.'

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देखें वायरल वीडियो

 

डिजिटल लत का खतरनाक संकेत

 महिला का पानी में तैरते हुए फोन चलाना टेक्नोलॉजी एडिक्शन के उस महामारी जैसे फैलाव का नया उदाहरण बन गया है, जो पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. AddictionHelp.com के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 25 करोड़ लोग सोशल मीडिया की लत से जूझ रहे हैं. यह आदत न सिर्फ लोगों को अकेला और अवसादग्रस्त बना रही है, बल्कि इसके चलते मूड स्विंग्स, नींद की कमी, जिम्मेदारियों से दूरी और हर समय वैलिडेशन की चाह जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं.

जर्नल Pediatrics की स्टडी के मुताबिक, जिन बच्चों के पास 12 साल से पहले मोबाइल फोन आ गया, उनमें डिप्रेशन, मोटापा और खराब नींद की आदतें बनने का खतरा उन बच्चों की तुलना में कहीं ज्यादा पाया गया, जिनके पास उस उम्र में फोन नहीं था.
 

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