'काटे जाएं तो दर्द में चीखते हैं पौधे, बस आप सुन नहीं पाते', वैज्ञानिक स्टडी में बड़ा दावा

वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी के अनुसार, पौधे जब परेशान होते हैं या खाने के लिए उनकी कटाई की जाती है तो वे'चीख' जैसी आवाजें निकालते हैं. इन आवाजों को सुनने के लिए खास उपकरण की जरूरत होती है.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर (Pexels) सांकेतिक तस्वीर (Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

शाकाहारी लोगों को अक्सर ये कहते सुना जाता है कि भला कोई मांस कैसे खा लेता है? क्या जानवर के दर्द और चीख के बारे में सोचकर दिल नहीं पसीजता? अब हाल में आई स्टडी में हैरान करने वाला दावा किया गया है.इस स्टडी में पौधों को होने वाले दर्द के बारे में बताया गया है.

कैसे सुन सकते हैं पौधों की चीख?
 

एक नई स्टडी  के अनुसार, पौधे जब परेशान होते हैं या खाने के लिए उनकी कटाई की जाती है तो वे'चीख' जैसी आवाजें निकालते हैं. शोध में पाया गया है कि वे कथित तौर पर ऐसी आवाजें पैदा करते हैं जिन्हें मनुष्य साइंटिफिक इक्विपमेंट के इस्तेमाल के बिना नहीं सुन सकते.  2023 में सेल में प्रकाशित हुए शोधसे पता चला है कि पौधे तीव्र संकट के समय में ये आवाजें पैदा करते हैं.

Advertisement

कई जानवर सुन सकते हैं ऐसी आवाजें

टेल अवीव विश्वविद्यालय में एक विकासवादी जीवविज्ञानी लिलाच हेडानी  ने कहा- एक शांत क्षेत्र में भी, वास्तव में ऐसी ध्वनियां होती हैं जिन्हें हम नहीं सुनते हैं, इनमें जानकारी होती है. ऐसे कई जानवर हैं जो इन आवाजों को सुन सकते हैं, इसलिए संभावना है कि शांत जगह पर बहुत अधिक ध्वनिक बातचीत हो रही होती है. 

कीड़ों और अन्य जानवरों से करते हैं बातचीत

पौधे हर समय कीड़ों और अन्य जानवरों के साथ बातचीत करते हैं, और इनमें से कई जीव संचार के लिए ध्वनि का उपयोग करते हैं, इसलिए हो ही नहीं सकता कि पौधे आवाज न करें.स्टडी के रिजल्ट्स से पता चलता है कि पौधे संकट में तेज चीखने की आवाज करते हैं. साथ ही कोई परेशानी न हो तो पौधे कोई आवाज नहीं करते. स्टडी में यूज किए गए डिस्ट्रेस पौधों का मतलब है कि ऐसे पौधे जिनके तने कटे हुए थे या जिन्हें पानी नहीं दिया गया था उनपर ही ये खास स्टडी की गई है.

Advertisement

हेडानी  ने कहा- हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पौधे ये शोर कैसे उत्पन्न करते हैं. अब जब हम जानते हैं कि पौधे आवाज करते हैं, तो अगला सवाल है कि इन्हें सुनता कौन होगा?. तो बता दें कि हम वर्तमान में इन ध्वनियों के प्रति अन्य जीवों, जानवरों और पौधों के रिएक्शन की जांच कर रहे हैं. हम पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण में ध्वनियों को पहचानने और उनकी व्याख्या करने की हमारी क्षमता की भी खोज कर रहे हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement