इंसान की ज़िंदगी में कुछ सपने होते हैं, और उन्हें पूरा करने के लिए सारी जिंदगी जद्दोजहद करता है, लेकिन क्या कभी सोचा है जब वो सपने पूरे हो जाएं, तब क्या होता है? क्या वो सुकून, वो खुशी मिलती है जिसकी कल्पना की थी. कुछ ऐसा ही सवाल खड़ा कर रहा है अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय NRI का पोस्ट, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
जहां एक तरफ दुनियाभर के लोग अमेरिका में जॉब और बसने को 'ड्रीमलाइफ' मानते हैं, वहीं इस युवक ने अपनी पोस्ट में एक ऐसी सच्चाई बयां की है जो दिल छू जाती है. उसने लिखा कि सब कुछ तो हासिल कर लिया, लेकिन अब समझ नहीं आता कि मैं कहां आकर बस गया हूं. सब कुछ है, फिर भी अंदर से खाली हूं. लगता है जैसे धीरे-धीरे मेरी पहचान ही खो गई है.
'अमेरिका आकर मैंने खुद को खो दिया'
Reddit (r/nri) पर शख्स लिखता है कि मैं 32 साल का हूं और दो साल पहले अमेरिका शिफ्ट हुआ. अच्छी कमाई कर रहा हूं, लेकिन फिर भी जिंदगी में एक खालीपन है. ऐसा लगता है जैसे मैंने अपनी पहचान खो दी है.
उन्होंने बताया कि भारत से इतनी दूर होने के कारण वे छुट्टियों में भी जल्दी घर नहीं जा सकते. अमेरिका आने के बाद उनका एक लंबा रिश्ता भी टूट गया और अब वो डेटिंग में समय नहीं लगाना चाहते. इसके साथ ही, उनका सोशल सर्कल भी बहुत सीमित है, क्योंकि उनके कॉलेज के दोस्त वेस्ट कोस्ट में रहते हैं और वो कहीं और.
'सारी यादें भारत से जुड़ी हैं'
उन्होंने कहा कि मैंने वैकेशन लेने की कोशिश की, लेकिन लौटने के बाद फिर वही खालीपन महसूस होता है. मैंने प्रमोशन के लिए भी कई बार कोशिश की, लेकिन मौजूदा मार्केट और छंटनी के माहौल में मौके नहीं मिल रहे. मेरी ज़िंदगी की सारी खुशियां, मेरी सबसे हसीन यादें… सब कुछ भारत से जुड़ा है. मैं लाख कोशिश कर लूं, लेकिन अपने देश को भुला नहीं पा रहा हूं. वो मिट्टी, वो लोग, वो अपनापन… आज भी हर पल मुझे खींचता है.
उनकी इस पोस्ट ने हजारों लोगों को भावुक कर दिया. कई एनआरआई यूजर्स ने कमेंट्स में अपनी कहानियां शेयर कीं और उनसे जुड़ाव महसूस किया.
'खुद को दोबारा गढ़ने का वक्त'
एक यूजर ने लिखा कि मुझे भी ऐसा ही महसूस हुआ था. मैंने जिम में लोगों से बात शुरू की, ऑफिस में अकेले लंच की बजाय सहकर्मियों के साथ बैठा. धीरे-धीरे कुछ अच्छे लोग मिले. इस प्रोसेस में मेहनत लगती है, लेकिन इससे फर्क पड़ता है. दूसरे ने कहा कि पुरानी पहचान को छोड़कर खुद को दोबारा गढ़ने का वक्त है. ये बदलाव का एक मौका है.
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