अमेरिका की एक क्रेडिट कार्ड प्रोसेसिंग कंपनी ने 6 साल पहले हर स्टाफ की मिनिमम सैलरी करीब 51 लाख रुपये सालाना कर दी थी. Gravity Payments नाम की कंपनी के इस फैसले पर तब अलग-अलग राय सामने आई थी. लेकिन अब सीईओ डेन प्रिस का कहना है कि सैलरी बढ़ाने की उनकी नीति सफल रही है.
खास बात ये है कि सभी स्टाफ की मिनिमम सैलरी 51 लाख करने के लिए सीईओ डेन प्रिस को खुद की वार्षिक सैलरी 7 करोड़ कम करनी पड़ी थी. इस फैसले के बाद कई लोगों ने प्रिस को हीरो करार दिया था. हालांकि, कुछ लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि कंपनी दिवाला हो जाएगी.
लेकिन अब डेन प्रिस का कहना है कि Gravity Payments काफी तरक्की कर रही है और कंपनी छोड़ कर जाने वाले स्टाफ की दर आधी हो गई है. वहीं, 6 साल पहले के मुकाबले अब कंपनी के कुल स्टाफ की संख्या दोगुनी हो चुकी है. हालांकि, सीईओ ने खुद की सैलरी अब भी 51 लाख रुपये सालाना ही रखी है.
CBS News से बातचीत में डेन प्रिस ने कहा कि सैलरी बढ़ाने के बाद स्टाफ कंपनी को लेकर अधिक वफादार हो गए. हालांकि, 2020 में कोरोना की तबाही के दौरान कंपनी की हालत खराब हो गई थी, लेकिन कुछ महीने की दिक्कत के बाद कपंनी उबरने में सफल रही. इस दौरान कुछ स्टाफ ने अपनी इच्छा से कुछ महीने के लिए सैलरी कम करा ली थी.
वहीं, सैलरी बढ़ाए जाने के बाद Gravity Payments के स्टाफ ने मिलकर अपने सीईओ को एक शानदार कार भी गिफ्ट की थी. लेकिन सीईओ तो अपनी पुरानी सैलरी से भी कार खरीद सकते थे? इस सवाल के जवाब में डेन प्रिस कहते हैं कि यह बात सही है, लेकिन मैं पहले के मुकाबले काफी अधिक खुश हूं.
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