ये है किस्मत...खेत में काम कर रहे किसान को मिला 33,000 करोड़ रुपये का सोना!

हर इंसान के मन में एक ख्वाहिश होती है—काश कहीं से खजाना मिल जाए. यह ख्याल तो शायद हर किसी के मन में कभी न कभी जरूर आता है. फ्रांस के एक किसान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. उसे खजाना तो मिला, लेकिन  किस्मत ने ऐसा पलटी खाई कि एक पल की खुशी अगले ही पल गम में बदल गई. आइये जानते हैं पूरी कहानी.

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किसान को जब खेत में मिला 33,000 करोड़ का सोना (सांकेतिक तस्वीर-AI) किसान को जब खेत में मिला 33,000 करोड़ का सोना (सांकेतिक तस्वीर-AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

हर इंसान के मन में एक ख्वाहिश होती है—काश कहीं से खजाना मिल जाए. यह ख्याल तो शायद हर किसी के मन में कभी न कभी जरूर आता है. फ्रांस के एक किसान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. उसे खजाना तो मिला, लेकिन  किस्मत ने ऐसा पलटी खाई कि एक पल की खुशी अगले ही पल गम में बदल गई. आइये जानते हैं पूरी कहानी.

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सोचिए, आप अपनी ही जमीन पर काम कर रहे हों और अचानक ऐसा कुछ मिल जाए जो आपकी किस्मत रातों-रात बदल दे. फ्रांस के 52 वर्षीय किसान मिशेल ड्यूपोंट के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. वह अपने खेत में मिट्टी खोद रहे थे, लेकिन उसी मिट्टी में उन्हें ऐसा खजाना मिला जिसकी कीमत सुनकर कोई भी हैरान रह जाए. करीब 4 अरब डॉलर यानी 33,000 करोड़ रुपये का सोना!

4 अरब डॉलर का गोल्ड!

यह घटना फ्रांस के औवर्ने (Auvergne) क्षेत्र की है, जहां किसान मिशेल ड्यूपोंट अपनी जमीन की सामान्य जांच कर रहे थे.तभी उन्हें एक छोटी सी चमक दिखी, जो पास की एक धारा के नीचे से आ रही थी. जब उन्होंने जमीन को थोड़ा खोदा, तो उनके हाथ में सोने का एक टुकड़ा आया. किसान ने खुदाई जारी रखी और हैरानी की बात यह थी कि वहां लगातार सोने के टुकड़े मिलते चले गए.

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बाद में विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया कि उनकी जमीन के नीचे करीब 150 टन सोना मौजूद है. इस खजाने की कीमत लगभग 4 अरब डॉलर आंकी गई है, जो ड्यूपोंट को रातोंरात अरबपति बना सकता था.

ड्यूपोंट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं तो बस अपनी जमीन की रूटीन जांच कर रहा था. तभी मुझे मिट्टी में एक अजीब सी चमक दिखी. जब मैंने थोड़ा और गहराई में खोदा, तो यकीन ही नहीं हुआ कि मैं क्या देख रहा हूं. जमीन की हर तह में सोना ही सोना था.

किसान की खुशी जैसे एक झोंके में उड़ गई.

लेकिन जल्दी ही किसान की ये खुशी काफूर बन गई. जब बात स्थानीय प्रशासन को पता चला किसान को को अपनी ही जमीन पर खुदाई करने से मना कर दिया. अधिकारियों का कहना था किसी भी तरह की खुदाई के लिए पहले तकनीकी और पर्यावरणीय असर का अध्ययन किया जाना जरूरी है. इसके अलावा पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी खुदाई का विरोध किया है. उनका मानना है कि इस गतिविधि से इलाके की प्राकृतिक शांति और पारिस्थितिक संतुलन प्रभावित हो सकता है.

ड्यूपोंट ने बताया कि वह निराश हैं, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि अधिकारियों की सतर्कता समझ में आती है. फिलहाल, वह सिर्फ इंतजार कर सकते हैं कि क्या उन्हें कभी अपने ही खजाने को निकालने की इजाजत मिलेगी.
 

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