मैं हर साल कमाता हूं 4 करोड़...अपनी स्टोरी सुनाई तो हुए ट्रोल, लोग बोले- तुमसे ज्यादा...

दिल्ली के 23 साल के इंट्ररप्योनर कुशल अरोड़ा इन दिनों सोशल मीडिया पर एक गहरी बहस का केंद्र बने हुए हैं. उनसे यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या कामयाबी का मतलब सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना है, या फिर जीवन के बेशकीमती पलों को जीना भी उतना ही जरूरी है.

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सालाना 4 करोड़ कमाई, संघर्ष की कहानी बयां की तो होने लगा ट्रोल-Image Credit-thekushalarora सालाना 4 करोड़ कमाई, संघर्ष की कहानी बयां की तो होने लगा ट्रोल-Image Credit-thekushalarora

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

दिल्ली के 23 साल के इंट्ररप्योनर कुशल अरोड़ा इन दिनों सोशल मीडिया पर एक गहरी बहस का केंद्र बने हुए हैं. उनसे यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या कामयाबी का मतलब सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना है, या फिर जीवन के बेशकीमती पलों को जीना भी उतना ही जरूरी है.

कुशल अरोड़ा, जो KAP Digital के फाउंडर हैं. उन्होंने एक्स  पर एक पोस्ट में बताया कि कैसे उन्होंने सालाना 5 लाख डॉलर (4 करोड़ रुपये से ज्यादा) कमाने के लिए रातों की नींद को कुर्बान किया.

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अरोड़ा आगे कहते हैं, जब मेरी उम्र के लोग पार्टी कर रहे थे, तब मैं काम कर रहा था. मैंने सोशल लाइफ को छोड़ दिया, फेलियर का सामना किया और वर्क लाइफ बैलेंस को खो दिया. आज मैं 4 करोड़ सालाना कमा रहा हूं.

देखें पोस्ट

सोशल मीडिया पर लोगों ने उठाए सवाल

सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के आने के बाद अब लोग उनकी कही गई बातों पर सवाल उठा रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि ऐसी मोटिवेशनल बातें सिर्फ स्टेज पर ही अच्छी लगती हैं. कई लोगों का यह भी कहना है कि ऐसी बातें जेन जी जनरेशन पर ज्यादा दबाव डालती हैं.

वहीं एक यूजर ने लिखा-आपने अपनी जिंदगी जी, वे अपनी जिंदगी जी रहे हैं. हर किसी का सपना इतना पैसा कमाना नहीं होता. इसे एक शो-ऑफ मत बनाओ. आपने मेहनत की, आपको पैसा मिला अब इसी के साथ रहो. इस युवा पीढ़ी पर दबाव मत डालो कि अगर वे इतना नहीं कमाते, तो वे बेकार हैं.

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एक यूजर ने लिखा-मैं उस उम्र में पार्टी कर रहा था और अब मैं उससे ज्यादा कमा रहा हूं, जितना आपने बताया. मेरा कहना यह है कि अगर यह आपके लिए काम कर रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह सभी के लिए काम करेगा.  और ये भी बात है -लाखों खिलाड़ी अपना जीवन देश के लिए खेल में समर्पित कर देते हैं, लेकिन केवल 11 ही सेलेक्ट होते हैं.

एक तीसरे यूजर ने इस ट्रेंड पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा-लोगों को मोटिवेटर स्पीकर बनने की लालसा रहती है.आपने जो किया, वह आपके हिसाब से सही था. इसे दूसरों पर क्यों थोप रहे हो? लोगों को उनकी जिंदगी जीने दो, जैसे वे चाहते हैं. और, जान लो, कई यूट्यूबर्स, पॉडकास्टर्स तुमसे कहीं ज्यादा कमा रहे हैं और अपनी जिंदगी भी जी रहे हैं! इसलिए, तुम अपनी करो!

कुशल अरोड़ा की पोस्ट, जिसे 2,21,000 से अधिक बार देखा जा चुका है, सोशल मीडिया पर इस पर डिबेट जारी है.

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