संसद के दोनों सदनों में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया है. सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने का कारण सुरक्षा और सामरिक आधार पर विशेष स्थिति बताया है. अब देश में 7 की जगह 9 केंद्रशासित प्रदेश हो गए हैं. आइये हम जानते हैं कि भारत में जो 9 केंद्रशासित प्रदेश बनाए गए हैं, उनके कारण क्या हैं?
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर को सुरक्षा और सामरिक आधार पर विशेष स्थिति के कारण केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया है. इसमें दिल्ली की तरह मंत्रिमंडल व मुख्यमंत्री की व्यवस्था रहेगी.
लद्दाख
लद्दाख की सीमा रेखा चीन से मिलती है इसलिए यह भी सुरक्षा और सामरिक आधार पर विशेष स्थिति में है. इसलिए लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया है. लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा का प्रावधान नहीं है.
दिल्ली
देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था. 1956 से 1991 तक नई दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश ही था. 1991 में इसे राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश का दर्जा प्राप्त हुआ. यहां पुडुचेरी की तरह मंत्रिमंडल व मुख्यमंत्री की व्यवस्था मिली.
पुडुचेरी
1 नवम्बर 1956 को पुडुचेरी केंद्रशासित प्रदेश बना. यह पहले फ्रांस का उपनिवेश था. सांस्कृतिक विविधता बनाए रखने के लिए पुडुचेरी को किसी राज्य में नहीं मिलाया गया. पुडुचेरी का विस्तार चार अलग-अलग जगहों पर है जिनके नाम माहे, यनम, कराईकल और पुडुचेरी हैं.
लक्षद्वीप
लक्षद्वीप भी 1 नवम्बर 1956 को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया. यह भी भारत की मुख्य भूमि से बहुत दूर था इसलिए इसे केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिला.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 1 नवम्बर 1956 को केंद्रशासित प्रदेश बना. भारत की मुख्य भूमि से बहुत दूर होने के कारण इसे केंद्र शासित बनाया गया.
दादरा और नगर हवेली
दादरा और नगर हवेली 11 अगस्त 1961 को केंद्रशासित प्रदेश बना. दादरा और नगर हवेली पुर्तगाल का उपनिवेश था. सांस्कृतिक विविधता बनाए रखने के लिए दादरा और नगर हवेली को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया.
दमन-दीव
दमन और दीव को 30 मई 1987 को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया. दमन और दीव भी पुर्तगाल का उपनिवेश था. सांस्कृतिक विविधता बनाए रखने के लिए ही इसे केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.
चंडीगढ़
चंडीगढ़ 1 नवम्बर 1966 को केंद्रशासित प्रदेश बना. पंजाब और हरियाणा दोनों चंडीगढ़ को राजधानी बनाना चाहते थे इसलिए इस विवाद को खत्म करने के लिए चंडीगढ़ को पंजाब, हरियाणा की राजधानी के साथ-साथ केंद्रशासित प्रदेश भी बनाया गया.