कश्मीर के 3 दशक के इतिहास में पुलवामा जैसा आत्मघाती आतंकी हमला नहीं हुआ. गुरुवार को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का स्थानीय फिदायीन या आत्मघाती हमलावर के रूप में एक और खतरनाक पहलू सामने आया.
गुरुवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहम डार ने पुलवामा जिले के लेथपोरा गांव से गुजर रही सीआरपीएफ जवानों की बस में विस्फोटक से भरी अपनी गाड़ी घुसा दी और धमाके में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आदिल ने क्लास-10 तक ही पढ़ाई की थी और वह आतंकी बनने से पहले एक मिल में काम किया करता था. गुरुवार को आत्मघाती हमले को अंजाम देने से पहले वह किसी बड़े हमले में शामिल नहीं था. यही वजह थी कि पुलिस ने उसका नाम “C-category militant” में रखा था.
12 क्लास ड्रॉपआउट आदिल पड़ोसी की एक मिल में काम करता था. पिछले साल मार्च महीने में उसने अपना घर छोड़ दिया और घाटी में आतंकवादियों के संगठन में शामिल हो गया. उसके पिता गुलाम हासन डार वेंडर हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदिल ने 19 मार्च 2018 को अपना घर छोड़ दिया था और उसके बाद फिर कभी नहीं लौटा. कश्मीर यूनिवर्सिटी में जियोलॉजी से पोस्टग्रैजुएट कर रहा उसका दोस्त समीर अहमद भी उसी दिन से लापता हो गया था.
आदिल के परिवार ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन उनकी तलाश कुछ दिनों बाद ही खत्म हो गई. सोशल मीडिया पर AK-47 लहराते हुए उसकी तस्वीर तैरने लगी थीं. उसे वकास कमांडो का कोडनेम दिया गया था.
डार के पिता गुलाम हसन डार ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "घर छोड़ने के बाद वह हमसे सिर्फ एक बार मिला था. उसका चचेरा भाई भी आतंकी था जो आदिल के संगठन जॉइन करने से 11 दिन पहले ही मारा गया था."
परिवार के मुताबिक, 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हो रहे विरोध-प्रदर्शन में भी आदिल ने हिस्सा लिया था. विरोध-प्रदर्शन के दौरान उसे पैर में गोली लगी थी.
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, आदिल 200 किलो के विस्फोटक पदार्थ से भरे वाहन को सड़क के गलत साइड से ले जा रहा था और सीआरपीएफ के दस्ते को लेकर जा रही बस से टकराकर उसे उड़ा दिया. जैश-ए-मोहम्मद के दावे के मुताबिक, आतंकी आदिल 350 किलो के विस्फोटक से भरी एसयूवी से इस हमले को अंजाम दिया.
पिछले साल दो स्थानीय जैश फिदायीनों ने लेठपोरा में सीआरपीएफ कैंप को उड़ा दिया था जिसमें 4 जवान मारे गए थे. इसमें एक इन्स्पेक्टर भी शामिल था. हमले के दौरान एक जवान की मौत कार्डियक अरेस्ट से हो गई थी.