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नर्सों को हूर बताकर PAK में ही घिरे इमरान, सोशल मीडिया पर लगी क्लास

aajtak.in
  • 29 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नर्सों को हूर कहने के अपने बयान पर विपक्षी दलों और सोशल मीडिया यूजर के निशाने पर आ गए हैं. उनके बयान को महिलाओं के खिलाफ बताते हुए लैंगिकवादी करार दिया जा रहा है.

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बता दें कि इमरान ने कराची में एक कार्यक्रम में कहा था कि 2013 में लाहौर में एक चुनावी सभा के दौरान हादसे में उन्हें भारी चोट लगी थी. उन्हें बहुत दर्द हुआ था. उस समय डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया था जिसके बाद उन्हें राहत मिली और अस्पताल की नर्से उन्हें हूर लगने लगी थीं.

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उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद वह विपक्षी दलों और सोशल मीडिया यूजर के निशाने पर आ गए. पाकिस्तान के विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा, "इमरान साहब, डॉक्टरों से कहें कि वह आपको दिमाग और अक्ल को दुरुस्त करने वाला टीका लगाएं. एक खुशहाल देश को आपने तबाह कर दिया. आप जो बातें कर रहे हैं, उसे देखते हुए आपको एक नहीं, दो टीके लगाए जाने चाहिए."

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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सांसद नफीसा शाह ने कहा कि यह बात अपमानजनक है और प्रधानमंत्री के स्तर के बिलकुल अनुरूप नहीं है कि वह नर्सो को एक स्वर्गिक इच्छा की वस्तु करार दें. उनकी बात नर्सिग जैसे पवित्र पेशे का मखौल उड़ाने वाली है. एक यूजर ने ट्वीट किया, "इस जादुई इंजेक्शन का नाम क्या है? यह आता कहां से है?"

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एक अन्य ने पूछा कि ऐसा इंजेक्शन सभी के लिए उपलब्ध है या यह सिर्फ इमरान को ही लगता है? पत्रकार अरशद शरीफ ने कहा, "क्या प्रधानमंत्री यह संदेश देना चाहते हैं कि नर्से यौन इच्छा की पूर्ति का एक जरिया हैं? वो कौन सा इंजेक्शन है जो नर्सो को हूर जैसा दिखा देता है? सिस्टर्स के पवित्र पेशे को क्या पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने हूर में बदल दिया है?"

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अरशद शरीफ के इस ट्वीट पर इमरान खान की पार्टी तहरीके इंसाफ ने जवाब दिया कि हल्के फुल्के अंदाज में कही गई बात का कुछ और ही अर्थ निकाला जा रहा है. पार्टी ने कहा, "मिस्टर अशरफ, ऐसा लगता है कि आपमें मजाक समझने की क्षमता नहीं है जिस वजह से आपने बीमार सोच के साथ मॉरफीन के साइड इफेक्ट पर की गई एक हास्य टिप्पणी को लैंगिकवादी बना दिया. कोई भी जब कहता है कि स्वर्ग जैसा अहसास हुआ तो उसमें हूर का जिक्र आता है. लेकिन, यह तो व्यक्ति के दिमाग पर है कि वह किसी बात को कैसे लेता है."

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तहरीके इंसाफ की इस बात का एक महिला चिकित्सक आयशा नवीद ने कड़ा जवाब दिया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "एक डॉक्टर और महिला होने के नाते मैं कहूंगी कि हां, यह एक सेक्सिस्ट बयान है. ऐसे बयानों का बचाव करने से पहले कुछ शर्म करें. क्या हो अगर वह नर्स जिसे इमरान हूर बता रहे हैं और जिसकी उपस्थिति का मजा ले रहे हैं, वह आपकी बहन, बेटी या मां हो?"

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