एक कार्ड पेमेंट कंपनी के बॉस की सैलरी करोड़ों रुपये सालाना थी. लेकिन एक दिन अचानक उन्होंने खुद की सैलरी घटाने का फैसला किया. बॉस ने घोषणा की कि वह अपने हर स्टाफ को कम से कम 50 लाख रुपये प्रति वर्ष सैलरी देंगे. आइए जानते हैं इस अनोखे बॉस की कहानी...
डैन प्रिस अमेरिका के सिएटल में एक पेमेंट कंपनी चलाते हैं. उन्होंने टीनेज में ही कंपनी की शुरुआत की थी. उनकी कंपनी अच्छा कारोबार कर रही थी.
करीब 5 साल पहले अचानक उन्हें एक दिन पता चला कि उनकी एक करीबी दो नौकरी करने के बावजूद घर के खर्च जुटाने में मुश्किलों से जूझ रही हैं. उन्हें बहुत गुस्सा आया. तभी उन्होंने खुद के बारे में सोचा और पाया कि उनकी कंपनी में भी सैलरी असमान है. इसके बाद उन्होंने खुद की सैलरी कम करने और सभी स्टाफ की सैलरी बढ़ाने का फैसला किया.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रैविटी पेमेंट्स चलाने वाले डैन ने पहली बार 2015 में सभी 120 स्टाफ की सैलरी 50 लाख रुपये सालाना करने का फैसला किया था. उन्होंने अपनी करीब 8 करोड़ रुपये सालाना की सैलरी से 7 करोड़ रुपये की कटौती की थी. वे आज भी इस विचार पर कायम हैं और आज भी अपनी सैलरी मिनिमम ही रखी है.
डैन अब अमेरिका में असमानता के खिलाफ लड़ने वाले प्रमुख चेहरे बन गए हैं. डैन कहते हैं- 'लोग भूखे रहते हैं या उन्हें नौकरी से हटा दिया जाता है, उनके फायदे उठाए जाते हैं, ताकि कोई और किसी ऊंची बिल्डिंग के पेंटहाउस में सोने की चेयर पर बैठ सके. हमारा समाज लालच की की प्रशंसा करता है और बढ़ावा देता है.'