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हिन्दुओं के गोमांस खाने पर क्या कहते थे भीमराव अंबेडकर?

अभि‍षेक आनंद
  • 14 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST
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भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माताओं में से एक डॉक्टर बीआर अंबेडकर की आज जयंती है. उनका जन्म 14 अप्रैल साल 1891 में हुआ था. अंबेडकर की राय हिन्दुओं के गोमांस खाने को लेकर क्या थी? उन्होंने इस विषय पर एक लेख लिखा था. अपने लेख में अंबेडकर ने हिन्दू और बौद्ध धर्मग्रंथों के जरिए ये कहा था कि प्राचीन काल में हिन्दू गोमांस खाते थे. आइए जानते हैं अंबेडकर ने और क्या लिखा था...

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बीबीसी पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंबेडकर ने 'क्या हिंदुओं ने कभी गोमांस नहीं खाया?' शीर्षक से निबंध लिखा था जिसे उनकी किताब 'अछूतः कौन थे और वे अछूत क्यों बने?' में पब्लिश किया गया है.

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अंबेडकर ने ऋग्वेद के हवाले कहा कि ऋग्वेद काल में आर्य गाय को मारते थे और गोमांस खाते थे.

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अंबेडकर ने लेख में विद्वान पीवी काणे के हवाले से कहा था कि गाय को पवित्र माना जाता था, लेकिन उसकी पवित्रता के कारण ही बाजसनेई संहिता में जिक्र है कि गोमांस खाना चाहिए.

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रिपोर्ट के मुताबिक, ऋग्वेद में इंद्र कहते हैं कि उन्होंने एक बार 5 से अधिक बैल पकाए. ऋग्वेद में अग्नि के लिए घोड़े, बैल, सांड, बांझ गायों और भेड़ों की बलि देने का भी जिक्र है. एक अन्य लेख में अंबेडकर ने इस बात की भी व्याख्या की है कि ब्राह्मणों ने बाद में गोमांस खाना क्यों छोड़ दिया और गाय की पूजा करने लगे.

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