अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने के लिए इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर एक के बाद एक कई मिसाल हमले किए थे. उस वक्त अमेरिका ने दावा किया था कि ईरान के मिसाइल हमले में उसके जवानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. हालांकि, अब यह दावा गलत साबित हो रहा है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पेंटागन के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ईरान के अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर मिसाइल हमले के बाद से उसके 50 जवानों को भारी नुकसान पहुंचा है और वो मस्तिष्क आघात ( दिमाग में गहरी चोट) से जूझ रहे हैं.
बता दें कि ईरान के अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हमले में किसी जवान की मौत नहीं हुई है और किसी को कोई क्षति नहीं पहुंची है. हालांकि, अब उनका यह दावा गलत साबित होता दिख रहा है.
पेंटागन में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल थॉमस कैंपबेल ने बताया कि पश्चिमी इराक में एइन अल-असद एयर बेस पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद अमेरिकी सेना के 50 जवान दर्दनाक मस्तिष्क चोट से गुजर रहे हैं. अधिकारी के मुताबिक पीड़ित जवानों में कंसेंटिव इंजरी के लक्षणों के साथ ही सिरदर्द, चक्कर आना, रोशनी और सेंसिटीविटी के प्रति संवेदनशीलता जैसी बीमारियां शामिल हैं.
पेंटागन की तरफ से बताया गया है कि जिन जवानों को हमले के बाद समस्या आई है उनमें से अठारह जवानों को जांच और उपचार के लिए जर्मनी भेजा गया है, और एक को कुवैत भेजा गया था जो जांच के बाद ड्यूटी पर लौट आया है.
बता दें कि कासिम सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिका ने 3 जनवरी की सुबह का वो वक्त चुना था जब सुलेमानी सीरिया से लौट रहे थे और इराक की राजधानी बगदाद में अपने एसयूवी गाड़ी में अंगरक्षकों के साथ एयरपोर्ट से बाहर निकल रहे थे. जैसे ही कासिम सुलेमानी और उनके अंगरक्षकों की गाड़ी एयरपोर्ट के कार्गो वाले हिस्से से निकलकर बाहर की तरफ जा रही थी ठीक उसी वक्त उनके काफिले पर ड्रोन के जरिए अमेरिकी एजेंसियों ने 230mph लेजर गाइडेड हेलफायर मिसाइल दागा जिससे गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए.
सुलेमानी के अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद ईरान के शीर्ष नेता खोमैनी ने कहा था कि देश इसका बदला जरूर लेगा. खोमैनी के बयान के 48 घंटे के भीतर ही इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी सैन्य ठिकानों और दूतावास पर कई रॉकेट हमले किए गए थे.