एलॉन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस Starlink जल्द ही भारत में लॉन्च होने वाली है. इस क्रम में कंपनी 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैड सर्विस की सिक्योरिटी का डेमो लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों को दिखाएगी. रिपोर्ट्स की मानें, तो ये डेमो मुंबई में होगा.
ये ट्रायल स्टारलिंक की भारत में एंट्री की कोशिश में एक प्रमुख कदम होगा. इसके आधार पर ही कंपनी को भारत में अपनी सर्विस शुरू करने के लिए कुछ जरूरी क्लियरेंस मिलेंगे. कंपनी भारत में अपनी कमर्शियल सर्विस शुरू करने के लिए लंबे समय से काम कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, दो दिन के इस इवेंट में स्टारलिंक सिक्योरिटी और टेक्निकल नॉर्म्स का डेमो ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट के आधार पर दिखाएगी. 31 जुलाई को स्टारलिंक को भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू करने के लिए जरूरी मंजूरी मिली थी.
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मुंबई में स्टारलिंक की पैरेंट कंपनी SpaceX ने तीन ग्राउंड स्टेशन सेट किए हैं, जो भारत में कंपनी के हब की तरह काम करेगा. इस हफ्ते आधिकारी ऑन-साइट जांच शुरू कर सकते हैं. स्टारलिंक ने मुंबई, चेन्नई और नोएडा में तीन गेटवे स्टेशन बनाने के लिए अप्रूवल मांगा था. सर्विस शुरू होने के बाद कंपनी की योजना 9 से 10 गेटवे तैयार करने की है.
Elon Musk की Starlink एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है. इसकी मदद से दूर-दराज के इलाकों तक वायरलेस इंटरनेट पहुंचाया जा सकेगा. हालांकि, शुरुआती चरण में कंपनी का फोकस शहरी इलाके हैं, जहां लोगों को बिना किसी वायर के इंटरनेट एक्सेस मिलेगा.
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कुल मिलाकर स्टारलिंक का फायदा मुख्य रूप से ग्रामीण या ऐसे इलाकों में मिलेगा, जहां ट्रेडिशनल इंटरनेट सर्विसेस नहीं पहुंच सकती है. भारत में इसका सीधा मुकालबा जियो और एयरटेल से होगा, जो अफोर्डेबल प्राइस पर अपनी सर्विस ऑफर करते हैं.
जियो और एयरटेल भी सैटेलाइट इंटरनेट कैटेगरी में एंट्री करने की तैयारी में है. मगर उनके पास पहले से ही वायरलेस और वायर्ड इंटरनेट की सुविधा है, जो एक बड़ा एडवांटेज है. अगर स्टारलिंक अफोर्डेबल प्राइस पर अपनी सर्विस लॉन्च करती है, तो उसे इस सेक्टर में अपने एक्सपीरियंस का फायदा जरूर मिलेगा.
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