मुंबई में शनिवार देर रात एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनपर कई राउंड फायरिंग की गई. जिसमें उनके सीने और पेट में गोली लगीं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया और फिर अस्पताल में उन्होंने आंखिरी सांस ली.
पुलिस ने उस सोशल मीडिया पोस्ट की जांच शुरू कर दी, जिसमें बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है. पोस्ट करने ने बताया कि वह बिश्नोई गैंग का सदस्य है. अब पुलिस जांच कर रही है कि यह पोस्ट कितना सच है.
सोशल मीडिया पोस्ट की मदद से आरोपी को पड़कना या ट्रैक करना कई बार काफी मुश्किल हो जाता है. क्रिमिनल्स अक्सर ऐसे कामों में फेक आईडी या दूसरे का अकाउंट हैक करके उसका इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में आरोपी तक पहुंचने में काफी परेशानी आती है.
बाबा सिद्दीकी की मौत के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य ने फेसबुक पोस्ट के जरिए जिम्मेदारी ली, जिसकी जांच पुलिस कर रही है. इसमें वह कई तरीकों का इस्तेमाल करती है. पुलिस और जांच एजेंसियां कई स्टेज पर इसकी जांच करती हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.
पुलिस टीम या जांच एजेंसियां डिजिटल फुट प्रिंट्स को एनालाइज करके और पिछले मामलों के साथ इसे क्रॉस-रेफर करके इस दावे की रिएलिटी को चेक करती है.
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जांच के दौरान कई तरह की चुनौतियां सामने आती हैं. पुलिस को असली अकाउंट्स तक पहुंचने में सबसे बड़ी समस्या फर्जी या हैक अकाउंट्स का होना है. इसमें क्रिमिनल्स एक नया अकाउंट क्रिएट करते हैं, या फिर किसी शख्स का अकाउंट हैक कर लेते हैं. इसके बाद उसका इस्तेमाल करके एक पोस्ट शेयर कर देते हैं.
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सोशल मीडिया के पोस्ट की जांच के दौरान, जब डिवाइस आदि का पता लगाया जाता है तो ऐसे मामलों में चोरी के डिवाइस आदि का इस्तेमाल होता है. इसके बाद असली आरोपी का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
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