यमन की कामयाबी संयुक्त प्रयास, जनरल ने किया अच्छा काम: सुषमा स्वराज

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे व नारेबाजी के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि संकट ग्रस्त यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जाना विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों की संयुक्त कोशिश का नतीजा है.

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Sushma Swaraj Sushma Swaraj

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे व नारेबाजी के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि संकट ग्रस्त यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जाना विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों की संयुक्त कोशिश का नतीजा है.

सुषमा ने इस मामले पर स्वत: एक बयान दिया और कहा, 'यह भारत के विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों का संयुक्त प्रयास है, जिसकी निगरानी विदेश मंत्रालय कर रहा था तथा इसमें सहयोग कर रहा था.'

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भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर विपक्ष के हंगामे के बीच उनकी आवाज लगभग दब गई थी. उन्होंने कहा, 'हमने कठिन परिस्थितियों में यमन में रह रहे भारतीयों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाला.'

सुषमा ने कहा, 'हवाई हमले के बाद भारतीय दूतावास सना में संचालित कुछ विदेशी मिशनों में एक था और 33 देशों की तरफ से उनके नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने को लेकर औपचारिक सहायता मांगी गई थी.'

उन्होंने कहा, 'हमने इस अनुरोध पर सकारात्मक जवाब दिया और हालात की वास्तविकता के आधार पर 48 देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने में मदद की.'

मंत्री ने कहा कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बहरीन, कनाडा, क्यूबा, जिबूती, मिस्र, अल सल्वाडोर, इथोपिया, फ्रांस, ग्रीस, जर्मनी और हंगरी तथा अन्य देशों के नागरिकों की मदद की. 'इसे दुनिया भर में सराहना मिली.'

उन्होंने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया कि भारतीय नागरिक जिनके पास यात्रा के दस्तावेज नहीं थे, उन्हें सना स्थित दूतावास से आपात प्रमाणपत्र दिए जाएं और ऐसा किया गया.

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उन्होंने कहा, 'हमने भारतीय नागरिकों के यमन से सुरक्षित निकालकर और समय पर घर लौटने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा.' सुषमा ने कहा, '18 अप्रैल तक 4,741 भारतीयों और 1,947 विदेशी नागरिकों को हवाई और जल मार्ग से सुरक्षित निकाला गया है.'

उन्होंने सदन को सूचित किया कि सना में खराब हालातों को देखते हुए भारत ने 15 अप्रैल को जिबूती में अपना दूतावास खोला है. उन्होंने कहा, 'यमन में हालात सामान्य होने तक हमारा दूतावास जिबूती में संचालित रहेगा.'

मंत्री ने कहा, 'हम सिर्फ यमन से लोगों को निकाले जाने तक ही नहीं रुके हैं, बल्कि आगे बढ़े हैं. भारतीय रेल ने मेजबानी की है और लोगों को घर तक पहुंचाने के लिए मुफ्त टिकट भी उपलब्ध कराया है. संबंधित राज्यों विशेषकर महाराष्ट्र और केरल ने भारत लौटने के बाद सभी को सहायता उपलब्ध कराई है.'

विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह की तारीफ करते हुए सुषमा ने कहा कि उन्होंने खुद उन प्रयासों पर नजर रखा. उन्होंने कहा, 'वह सना और जिबूती के बीच नियमित यात्रा करते रहे और इस कठिन काम को पूरा करने में कोई प्रयास बाकी नहीं छोड़ा.'

इस दौरान विपक्ष ने उनके बयान को बाधित करने की हर संभव कोशिश की और वे भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष की आसंदी के नजदीक जमा हो गए. केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने इसके कुछ मिनट पहले ही संशोधित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश सदन में पेश किया था.

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कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने 'भूमि विधेयक वापस लो' और 'जय जवान, जय किसान' का नारा लगाया.

(इनपुट: IANS)

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