आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ बच्चों का रातभर व्यस्त रहना आम बात हो गई है. इसका उनका स्वास्थ्य पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. हाल में ही हुए एक शोध के मुताबिक, देर तक जगने वाले बच्चों में मोटापा होने की आशंका बहुत अधिक होती है.
शोध के मुताबिक, जल्दी सोने वाले बच्चों की तुलना में देर रात तक जगने वाले वयस्क अथवा किशोर बच्चों का वजन बढ़ने की आशंका अधिक होती है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-बर्कले में काम करने वाले बाल-विशेषज्ञ लॉरेन असरनाउ की अध्यक्षता में यह शोध किया गया. इसके लिए 3,300 से भी अधिक किशोरों एवं वयस्कों पर शोध किया गया. यह शोध 'स्लीप' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
लॉरेन ने बताया कि शोध के दौरान किशोर अवस्था से लेकर उनके वयस्क होने तक उनमें होने वाले शारीरिक परिवर्तन का बारीकी से अध्ययन किया गया. इस अवधि के दौरान उन्होंने कितने घंटे की नींद ली, ये सारे आंकड़े जुटाए गए.
शोधकर्ताओं ने पाया कि रात्रि के दौरान जब उन्होंने नींद नहीं ली तो उनका बॉडी मास इन्डेक्स 2.1 प्वॉइंट बढ़ गया. इस तरह पांच वर्ष के अंदर उनका मोटापा बढ़ता गया.
शोध में जो परिणाम सामने आए उसके मुताबिक, अधिकांश किशोर रात में नौ घंटे की सामान्य नींद भी नहीं लेते हैं. इस कारण स्कूल में उन्हें जगे रहने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
शोध के अनुसार, न सोने वालों की तुलना में समय पर सोने वाले किशोरों में मोटापा हावी नहीं होता और उनका शरीर सुडौल बना रहता है.
इनपुट:IANS
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