7 महीने की बच्ची से रेप मामले में 22 दिन में आरोपी को सजा सुनाएगी कोर्ट

लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के हरसाना गांव की 7 माह की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अलवर के विशिष्ट न्यायाधीश  ने 10 मई 2018 को दर्ज मुकदमे के मामले में रोज सुनवाई शुरू की थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

शरत कुमार / देवांग दुबे गौतम

  • अलवर,
  • 19 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 4:05 AM IST

राजस्थान के अलवर की एससी-एसटी कोर्ट ने पोस्को एक्ट के नए संसोधन लागू होने के बाद 7 माह की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए शनिवार तक फैसला सुरक्षित रखा है. राजस्थान में यह पहला मामला होगा जिसमें पोस्को एक्ट के तहत इतने कम समय में अदालत आरोपी को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाएगी.

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लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के हरसाना गांव की 7 माह की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अलवर के विशिष्ट न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने 10 मई 2018 को दर्ज मुकदमे के मामले में रोज सुनवाई शुरू की थी.

न्यायाधीश ने 22 अदालती कार्य दिवसों में 12 पेशियां लगाते हुए मंगलवार को अंतिम बहस सुनने के बाद बुधवार को फैसले की तारीख तय की थी. लेकिन समय अभाव के कारण आरोपी को सजा तो नहीं सुनाई लेकिन सभी धाराओं में दोषी मानते हुए सजा के लिए 21 जुलाई मुकर्रर की है. 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में कठोर सजा देने के लिए 21 अप्रैल 2018 को अध्यादेश के जरिए दंड विधि संशोधन अस्तित्व में आया था.  इसके बाद पोक्सो एक्ट में 7 माह की बच्ची से दुष्कर्म का यह पहला मामला था.

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विशिष्ट न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने सजा के बिंदुओं पर दोनों पक्षों की बहस सुनी और बहस के बाद आरोपी को दोषी मानते हुए 21 जुलाई 2018 शनिवार को सजा का दिन मुकर्रर किया है. आरोपी के खिलाफ भारतीय धारा 363, 366, 376 ए बी 5एम/6  पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था. विशेष लोक अभियोजक कुलदीप जैन ने बताया कि 21 जून को प्रसंज्ञान लेते हुए चार्ज लगाया गया था और 28 जून से स्पीडी ट्रायल अपनाते हुए प्रतिदिन सुनवाई की थी.

कुलदीप जैन ने बताया कि राजस्थान में यह पहला मामला होगा जब पोक्सो एक्ट में संशोधन के बाद कम समय में अदालत द्वारा आरोपी को फैसला सुनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस मामले में फांसी की सजा का प्रावधान भी है. ये राजस्थान का पहला और भारत का तीसरा मामला है. जिसमें जल्दी सजा होगी.  

मध्यप्रदेश में ऐसे दो मामलों में आरोपियों को फांसी भी हो चुकी है. वहां भी करीब 3 माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था. अलवर में ये मामला 7 माह की बच्ची से जुड़ा है. अपर लोक अभियोजक ने फांसी की सजा की मांग की है.

लक्ष्मणगढ़ थाने में 10 मई 2018 को 7 माह की बालिका के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 19 वर्षीय युवक पिंटू पुत्र सोहनलाल 9 मई 2018 की शाम को उसके घर आया और उसकी नेत्रहीन भाभी के पास सो रही 7 माह की बालिका को उठाकर ले गया. बाद में तलाश करने पर पीड़िता लहूलुहान अवस्था में गांव के ही फुटबॉल फील्ड में पड़ी हुई मिली. उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी पिंटू को गिरफ्तार किया था.

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