PM मोदी- अब हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा, जनता को लिखे पत्र की 13 खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता के नाम लिखे पत्र में कहा है कि आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा. अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है आत्मनिर्भर भारत. भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा.

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PM नरेंद्र मोदी  (फाइल-PTI) PM नरेंद्र मोदी (फाइल-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2020,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

  • 2019 में आपका आशीर्वाद देश के बड़े सपनों के लिएः PM मोदी
  • 'एक साल पहले आज के दिन एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा'
  • 'अब समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल आज शनिवार को पूरा हो रहा है. इस खास अवसर पर पीएम मोदी ने देश की जनता के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का सौभाग्य मिलता, लेकिन कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं उनमें, इस पत्र के द्वारा आपका आशीर्वाद लेने आया हूं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में पहले कार्यकाल का जिक्र किया, इसके बाद दूसरे कार्यकाल के पहले साल की उपलब्धियों को गिनाया. प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के नाम पत्र के जरिए लोगों से संवाद किया है. आइए नजर डालते हैं कि पत्र में लिखे 13 खास बातों पर...

PM मोदी के पत्र की खास बातें

1. आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का.

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2. 2014 में जनता ने देश में एक बड़े परिवर्तन के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था. उन 5 वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है.

3. 2019 में आपका आशीर्वाद देश के बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकंक्षाओं की पूर्ति के लिए था. इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में आगे बढ़ रहा है.

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4. पिछले एक साल में कुछ खास निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है.' अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून, ये सारी उपलब्धियां सभी को स्मरण हैं.

5. एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले और बदलाव ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति और नए लक्ष्य दिए हैं. लोगों की अपेक्षाओं को भी पूरा किया है.

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6. देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियो, सभी के लिए 60 साल की आयु के बाद 3 हजार रुपये की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है.

7. सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी पिछले 1 साल में तेजी से काम हुआ और पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया. यही कारण है कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून हों, ये सब तेजी से बन पाए हैं.

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8. हम तेज गति से आगे बढ़ रहे थे कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया. कई लोगों ने आशंका जताई थी जब कोरोना भारत पर हमला करेगा तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा. लेकिन आज आपने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है.

9. ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है.

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10. निश्चित तौर पर इतने बड़े संकट में कोई ये दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ या असुविधा न हुई हो. श्रमिक, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले आदि लोगों ने असीमित कष्ट सहा है. इनकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.

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11. अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस हौसले के साथ वहां के लोगों ने परिस्थितियों का सामना किया, चक्रवात से होने वाले नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए बड़ी प्रेरणा है.

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12. आज यह चर्चा बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी. लेकिन दूसरी ओर ये विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी नई मिसाल कायम करेंगे. 130 करोड़ भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं.

13. आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा. अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है आत्मनिर्भर भारत. हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ का पैकेज इसी दिशा में उठाया गया कदम है. भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा.

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