दो साल से ऊपर के शिशुओं के लिए दोपहर की नींद हानिकारक

एक नई रिसर्च से पता चला है कि शिशु के लिए दोपहर की झपकी या नींद उसके सोने की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है. दोपहर की झपकी या नींद से शिशु की रात की नींद के समय पर प्रभाव पड़ता है.

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aajtak.in

  • मेलबर्न,
  • 19 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST

एक नई रिसर्च से पता चला है कि शिशु के लिए दोपहर की झपकी या नींद उसके सोने की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है. दोपहर की झपकी या नींद से शिशु की रात की नींद के समय पर प्रभाव पड़ता है.

ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता केरेन थोर्पे ने बताया कि उनकी टीम यह पता लगा रही थी कि शिशुओं की दोपहर की नींद से उनकी रात की नींद की गुणवत्ता, उनके व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है.

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रिसर्च के बाद पाया गया कि दो साल से ऊपर के बच्चों में दोपहर की नींद का प्रभाव उनकी रात की नींद पर पड़ता है. शरीर के सही विकास, व्यवहार और पूरे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों में दोपहर की नींद भी शामिल है.

यह अध्ययन जर्नल 'अर्काइव्स ऑफ डिजीज इन चाइल्डहुड' के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुआ है.

-इनपुट IANS

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