जानें ओम के नियम ने कैसे भौतिक विज्ञान को प्रभावित किया

जानें ओम के नियम ने कैसे भौतिक विज्ञान को प्रभावित किया है और चालक तथा अचालक के बीच सबसे बड़ा फर्क क्या है?

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ohm's law ohm's law

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

जानें ओम के नियम ने कैसे भौतिक विज्ञान को प्रभावित किया है और चालक तथा अचालक के बीच सबसे बड़ा फर्क क्या है?

विद्युत धारा:
किसी चालक में विद्युत आवेश की प्रवाह दर को विद्युत धारा कहते हैं. विद्युत धारा की दिशा घन आवेश की गति की दिशा की ओर मानी जाती है. इसका S.I. मात्रक एम्पेयर है, यह एक अदिश राशि है.

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यदि किसी चालाक तार में एक एम्पीयर (1A) विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तो इसका अर्थ है कि उस तार में प्रति सेकंड 6.25 X 10^18 इलेक्ट्रान के सिरे से प्रविष्ट होते हैं. ये इलेक्ट्रॉन दूसरे सिरे से बाहर निकल जाते हैं.

प्रतिरोध (resistance): किसी चालक में विद्युत धारा के प्रवाहित होने पर चालक के परिमाणों तथा अन्य कारकों द्वारा उत्पन्न किये गए व्यवधान को ही चालक का प्रतिरोध कहते है. इसका S.I. मात्रक ओम (Ω) होता है.

ओम का नियम (ohm's law): यदि चालक की भौतिकी अवस्था जैसे-ताप आदि में कोई परिवर्तन न हो तो चालक के सिरों पर लगाया गया विभवांतर उसमे प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है. यदि किसी चालक के दो बिन्दुओं के बीच विभान्तर V वोल्ट हो तथा उसमें प्रवाहित धारा I एम्पीयर हो, तो ओम के नियामानुसार-
V ∝ I या V=RI
जहां R एकनियतांक है, जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं.

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ओमीय प्रतिरोध (ohmic resistance): जो चालक ओम के नियम का पालन करते है, उनके प्रतिरोध को ओमीय प्रतिरोध हैं. जैसे- मैगनीज का तार.
अनओमीय प्रतिरोध (non-ohmic resitance): जो चालाक ओम के नियम का पालन नहीं करते हैं, उनके प्रतिरोध को कहते हैं. जैसे- डायोड बल्ब का प्रतिरोध, ट्रायोड बल्ब का प्रतिरोध.

चालक

चालकता (conductance): किसी चालक प्रतिरोध के व्युत्क्रम को चालक की चालकता कहते हैं. इसे G से सूचित करते हैं. (G=1/R) इसकी SI इकाई ओम^-1 (Ω^-1) होता है, मूहो भी कहते है. इसका SI इकाई सीमेन भी होता है.

विशिष्ट प्रतिरोध: किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के अनुक्रमनुपाती तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अथार्त यदि चालक की लंबाई l और उसकी अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है, तो R ∝ 1/R या, R=ρ l/A जहां ρ एक नियतांक है, जिसे चालक का विशिष्ट प्रतिरोध कहा जाता है.अतः, एक ही मोटे पदार्थ के बने हुए मोटे तार का प्रतिरोध कम तथा पतले तार का प्रतिरोध अधिक होता है.

विशिष्ट चालकता:किसी चालक के विशिष्ट प्रतिरोध व्युत्क्रम को चालक का विशिष्ट चालकता हैं. इसे सिग्मा (σ) से सूचित करते हैं (σ=1/ρ). इसकी S.I. इकाई ओम^-1मीटर^-1 (Ω^-1M^-1) होती है.

प्रतिरोधों का संयोजन (combination of resistance): सामान्यतः प्रतिरोधों का संयोजन दो प्रकार से होता है.
(i) श्रेणी क्रम (series combination)
(ii) समानांतरण क्रम (parallel combinatin)

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प्रतिरोधों के क्रम से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
श्रेणी क्रम में संयोजित प्रतिरोधों का समतुल्य प्रतिरोध समस्त प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है.
समानांतरण क्रम में संयोजित प्रतिरोधों के समतुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम (inverse) उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है.

विद्युत शक्ति (elctric power): विद्युत परिपथ में ऊर्जा के क्षय होने की डॉ को शक्ति कहते हैं. इसका S.I. मात्रक वाल्ट है.
किलोवाट घंटा मात्रक अथवा यूनिट: 1 किलोवाट घंटा मात्रक अथवा यूनिट विद्युत ऊर्जा की वह मात्रा है, जो कि किसी परिपथ में एक घंटा होती है, जबकि परिपथ में 1 किलोवाट हो.
किलोवाट घंटा मात्रक= (वोल्ट X एम्पीयर X घंटा)/1000 = (वाट X घंटा)

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