लखनऊ में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नगर निगम अक्सर यातायात विभाग के साथ मिलकर नो पार्किंग जोन में लगी गाड़ियों को खींच कर ले जाती रही है. इसके साथ ही उनका 1500 रुपये का चालान भी करती है. शनिवार को एक बार फिर से इलाहाबाद बैंक के पास नो पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ियों का चालान काटा जा रहा था. इस दौरान वहां डीजी (महानिदेशक) टूरिज्म की गाड़ी भी मौजूद थी.
अंदर ड्राइवर बैठा था लेकिन साहब पास के दुकान में चाट-पकौड़ी खाने गए हुए थे. ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? उन्होंने एडीसीपी यातायात सुरेश चंद्र रावत को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बिना किसी बात की परवाह किए, अपना कर्तव्य निभाते हुए उनकी गाड़ी का भी चालान काटने का आदेश दिया. अब चूंकि गाड़ी में ड्राइवर था इसलिए उनकी गाड़ी टो नहीं की गई और उनका 1000 रुपये का चालान किया गया.
अक्सर लोग चालान से बचने के लिए गाड़ी खड़ी कर, ड्राइवर को अंदर ही बैठा देते हैं. जिससे की उनकी गाड़ी टो नहीं हो पाती. लेकिन आज एडीसीपी के साथ होने के कारण सभी गाड़ियों का चलाना किया गया. पहले ड्राइवर काफी देर तक बहस करता रहा और डीजी साहब के ओहदे का हवाला भी देता रहा लेकिन एडीसीपी की कर्तव्य निष्ठा के आगे एक नहीं चली और उनका हजार रुपये का चालान काट दिया गया.
इनके अलावा एडीजी भर्ती बोर्ड की भी गाड़ी वहीं पास में जनपथ पर नो पार्किंग जोन में लगी थी. एडीसीपी यातायात ने उनका भी एक हजार रुपये का चालान काटा है.
दरअसल, हरतगंज चौराहे पर इलाहाबाद बैंक के पास समौसे-कचौड़ियां की दुकान है. शाम में अक्सर लोग यहां नाश्ता करने पहुंचते हैं और इसी वजह से वहां भीड़ लगी रहती है. लेकिन वहां आने वाले लोग अपनी गाड़ी कहीं भी खड़ी कर देतें हैं और वहां से नाश्ता करने दुकान पर चले जाते हैं. इस वजह से लोगों को यातायात के दौरान अक्सर जाम का सामना करना पड़ता है.
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आशीष श्रीवास्तव