राम रहीम के गुंडों के सिर पर था खून सवार और हाथों में हथियार: चश्मदीद

हरियाणा हिंसा में 37 लोगों की जान चली गई, 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए और 150 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. ये आंकड़े हरियाणा सरकार और उसकी पुलिस की नाकामी का सबूत हैं.

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बाबा के चेलों ने मचाया था तांडव बाबा के चेलों ने मचाया था तांडव

राम कृष्ण

  • पंचकूला,
  • 26 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:06 PM IST

सीबीआई कोर्ट की ओर से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद उनके चेलों ने हरियाणा और पंजाब समेत छह राज्यों में जमकर तांडव मचाया. 150 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सरकारी इमारतों को जलाकर खाक कर डाला. चश्मीदों के मुताबिक पंचकूला करीब तीन घंटे तक बाबा के गुंडों के हाथ रहा. इस दौरान खट्टर राज जंगल राज में तब्दील हो गया. बलात्कारी बाबा के गुंडों ने तीन घंटे तक शहर के एक हिस्से को पूरी तरह बंधक ही बना लिया था. मी़डिया पर भी हमला किया गया, जिसमें कई मीडियाकर्मी भी जख्मी हो गए.

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इस हिंसा में 37 लोगों की जान चली गई, 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए और 150 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. ये आंकड़े हरियाणा सरकार और उसकी पुलिस की नाकामी का सबूत हैं. हिंसा करीब-करीब थम चुकी है, लेकिन तबाही के निशान अब भी चारो तरफ साफ नजर आ रहे हैं. बाबा के गुंडे पूरी तैयारी से आए थे. पेट्रोल को बम की तरह इस्तेमाल किया गया. बड़ी संख्या में गाड़ियों और इमारतों में आग लगाई गई. चश्मदीदों के मुताबिक उनके सिर पर शैतान सवार था, वो किसी को नहीं बख्श रहे थे.

डेरा समर्थकों के निशाने पर सरकारी इमारतें, सरकारी वाहन और अफसर थे. उनके सामने जो आया, उस पर वो जानवरों की तरह टूट पड़े. चश्मदीदों के मुताबिक हमला करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं. पंचकूला शहर में लोगों में अब भी दहशत है. शुक्रवार का मंजर याद करके उनके रोंगेटे खड़े हो जाते हैं. कैसे डेरा के बेरहम गुंडे कुछ भी करने पर अमादा थे. चश्मदीदों के मुताबिक वो केमिकल का इस्तेमाल कर रहे थे. सब कुछ जलाकर खाक करना चाहते थे.

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पंचकूला में आजतक की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया. आजतक की ओबी वैन आग के हवाले कर दी गई, लेकिन मीडिया पर हमला और नुकसान पर डीजीपी बीएस संधू का बयान आपको हैरान कर देगा. डीजीपी साहब की पारखी नजर ने इसे मीडिया की गलती माना, लेकिन पंचकूला में डेरा के गुंडों की मौजूदगी इनकी पारखी नजर में नहीं आ पाई. वो 37 मौत को कोई चूक भी नहीं मानते.

 

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