पंजाब विधानसभा का बजट सत्र के पहले ही दिन अकाली दल ने पंजाब के पूर्व डीजीपी दिवंगत केपीएस गिल की श्रद्धांजलि को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही को कुछ समय के लिए रोक दिया गया.
आपको बता दें कि पंजाब की नवनियुक्त विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को दोपहर 2 बजे से शुरू हुआ.यह बजट सत्र 14 जून से लेकर 23 जून तक चलेगा. इस सत्र में पंजाब की कैप्टन सरकार 20 जून को अपना पहला आम बजट पेश करेगी. लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्टियों आम आदमी पार्टी और अकाली-बीजेपी गठबंधन ने तय कर लिया है कि किसानों के कर्ज माफी, किसानों की आत्महत्या, दलितों पर हो रहे हमले जैसे कई मुद्दों पर पंजाब की कांग्रेस सरकार को घेरा जाएगा.
केपीएस गिल की श्रद्धांजलि पर शुरू हुआ हंगामा
पंजाब विधानसभा के बुधवार को शुरू होने वाले सत्र में जैसे ही केपीएस गिल को श्रद्धांजलि देने का समय आया उसी समय अकाली दल ने अपना विरोध जताने के लिए हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद कुछ समय के लिए कार्यवाही को रोकना पड़ा.
दरअसल अकाली दल ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को चिट्ठी लिखकर विधानसभा के अंदर बुधवार को कार्यवाही शुरु होने से पहले दी जाने वाली श्रद्धांजलियों में केपीएस गिल को श्रद्धांजलि ना देने की मांग की है. अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग में ये फैसला लिया गया कि बुधवार से शुरू होने वाले पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान दिवंगत IPS केपीएस गिल को श्रद्धांजलि ना दी जाए.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी अकाली दल की तरफ से चिट्ठी लिखकर ये मांग की गई कि केपीएस गिल को सदन के अंदर श्रद्धांजलि ना देने दी जाए. अकाली दल का मानना है कि केपीएस गिल ने आतंकवाद के दौर में कई बेगुनाह सिखों का झूठा एनकाउंटर किया और उन्हें आतंकी बता कर मार दिया. इसी वजह से अकाली दल नहीं चाहता कि केपीएस गिल को पंजाब विधानसभा के अंदर श्रद्धांजलि दी जाए.
दूसरी ओर पंजाब विधानसभा में दिवंगत IPS केपीएस गिल को श्रद्धांजलि ना देने की अकाली दल की दरख्वास्त को पंजाब सरकार ने नकार दिया है. पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि केपीएस गिल ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ काफी काम किया है और उनकी वजह से आज पंजाब में अमन शांति कायम है और कांग्रेस सरकार अकाली दल की बात से इत्तेफाक नहीं रखती और विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले दी जाने वाली श्रद्धांजलियों में केपीएस गिल को भी श्रद्धांजलि जरूर दी जाएगी.
पंजाब विधानसभा के सत्र के पहले ही हंगामेदार रहने के आसार थे और अब केपीएस गिल को श्रद्धांजलि दिये जाने के मामले पर भी एक और विवाद खड़ा हो गया जिससे विधानसभा की कार्यवाही को सफलतापूर्वक चला पाना असंभव सा लगता जा रहा है.
किसान मुद्दे पर भी घिर सकती है कैप्टन सरकार
विधानसभा सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा किसानों के कर्ज माफी का. पंजाब के किसानों की डेलीगेशन ने मंगलवार को पंजाब के गवर्नर वी पी बदनौर से मुलाकात की और मेमोरेंडम देकर उन्हें बताया कि किस तरह से कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले किसानों के कर्ज माफी के वादे किए थे लेकिन अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस अपने वादों को भूल रही है. पंजाब के किसानों ने साफ कर दिया कि अगर आने वाले दिनों में और 20 जून को होने वाले बजट सत्र के दौरान किसानों के कर्ज माफी को लेकर पंजाब सरकार ने कोई बड़ा ऐलान नहीं किया तो फिर पूरे पंजाब में आंदोलन खड़ा कर दिया जाएगा. साथ ही पंजाब के किसान 15 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाले किसानों के सत्याग्रह में भी शामिल होंगे.
हालांकि पंजाब सरकार ने किसानों को ये भरोसा देने की कोशिश की है कि आने वाले बजट में किसानों के लिए हर संभव मदद की कोशिश की जाएगी लेकिन किसानों को दिक्कत इस बात से है कि एक और तो सरकार किसानों को राहत देने और कर्ज माफी का वादा कर रही है और दूसरी और अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला भी सरकार की और से दिया जा रहा है ऐसे में किसानों को अब उम्मीद कम है कि पंजाब सरकार की ओर से उन्हें कोई बड़ी राहत मिलने वाली है.
कुल मिलाकर बुधवार से शुरू होने वाले पंजाब विधानसभा के सत्र में पंजाब की कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बेहद ही बढ़ने वाली हैं. जहां एक ओर सदन के अंदर उन्हें विपक्षी पार्टियों आम आदमी पार्टी और अकाली-बीजेपी गठबंधन के हमलों को झेलना होगा तो वहीं सड़क पर किसानों के गुस्से का सामना भी उन्हें करना होगा.
सतेंदर चौहान