सुनील गावस्कर ने यशस्वी जायसवाल की हालिया फॉर्म में गिरावट को लेकर चिंता जताई है. ओवल में खेले जा रहे 5वें टेस्ट के पहले दिन सस्ते में आउट होने के बाद गावस्कर ने युवा बल्लेबाज की तकनीक में एक अहम खामी की ओर इशारा किया.
बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज जायसवाल ने इंग्लैंड सीरीज की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की थी, लेकिन वह सिर्फ 2 रन बनाकर गस एटकिंसन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए. भारत को टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने के बाद दबाव का सामना करना पड़ा. और दबाव ऐसा कि दूसरे दिन महज आधे घंटे में पूरी टीम 224 रनों पर ढेर हो गई.
जायसवाल की कैसी तकनीकी कमजोरी?
यह आउट होने का तरीका अब एक परिचित पैटर्न बन गया है. राउंड द विकेट एंगल से अंदर आती गेंद पर जायसवाल चकमा खा बैठे. सीरीज के दौरान यह गेंदबाजी का तरीका लगातार उनकी तकनीकी कमजोरी को उजागर करता रहा है.
सोनी स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान सुनील गावस्कर ने इस कमजोरी की ठीक-ठीक वजह बताई. उन्होंने कहा कि जायसवाल की फ्रंट फुट मूवमेंट और बॉडी अलाइनमेंट दोनों में गिरावट आई है, जो उनकी परेशानी की जड़ बन गई है.
गावस्कर ने पूरी खामी सामने रख दी...
गावस्कर ने कहा, 'जायसवाल के खेल में थोड़ा असमंजस और शायद आत्मविश्वास की कमी भी देखने को मिल रही है. पहले टेस्ट में शतक लगाने के बाद से उनकी बल्लेबाजी में वह सहजता नहीं दिखी है. शायद यही वजह है कि वह अपना फ्रंट फुट पर्याप्त आगे नहीं ले जा पा रहे हैं, ताकि अंदर आती गेंद को खेल सकें. लेकिन वह अच्छे खिलाड़ी हैं. मुझे लगता है अगर कोई उनके साथ बैठकर कुछ तकनीकी पहलुओं पर काम करे- जैसे फ्रंट फुट को आगे ले जाना और कंधा ज़्यादा न खोलना, तो इससे उन्हें मदद मिल सकती है.
गावस्कर ने इस तकनीकी खामी की बारीकी से व्याख्या करते हुए कहा, 'इस समय उनका पिछला कंधा पहली या दूसरी स्लिप की दिशा में जा रहा है, जिससे बल्ला सीधा नीचे नहीं आ पा रहा है. अगर उनका कंधा विकेटकीपर और पहली स्लिप की ओर बना रहे, तो बल्ला ज़्यादा सीधे तरीके से नीचे आएगा.'
जायसवाल का यह सस्ता आउट होना उनकी लगातार गिरती फॉर्म का हिस्सा बन गया है, जहां उन्होंने सीरीज की शुरुआत पहले दो टेस्ट में 101 और 87 रनों की पारियों के साथ की थी, वहीं उसके बाद से उनका बल्ला खामोश रहा है. पिछली 5 पारियों में वह सिर्फ एक बार ही पचास के पार पहुंच सके हैं.
खास बात यह है कि पहले राइट-आर्म सीमर राउंड द विकेट एंगल के खिलाफ उनका एवरेज 116 था, जो अब गिरकर सिर्फ 24.7 रह गया है. सीरीज में सात बार वह इसी एंगल से आउट हुए हैं- जो अब उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन चुकी है.
पूरी सीरीज में उन्होंने 9 पारियों में 293 रन बनाए हैं, औसत 32.55 का रहा है, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं. हालांकि ये आंकड़े विदेशी दौरे के लिहाज़ से बुरे नहीं माने जाएंगे, लेकिन हालिया गिरावट और साफ नजर आ रही तकनीकी कमजोरी को विरोधी टीमें अब बार-बार निशाना बना रही हैं.
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