स्वर्णिम आवाज के धनी खेल कमेंटेटर जसदेव सिंह नहीं रहे

स्वर्णिम आवाज के धनी भारतीय खेल कमेंटेटर जसदेव सिंह का मंगलवार को दिल्ली में लंबी बीमार के बाद निधन हो गया.

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जसदेव सिंह (फाइल) ट्विटर जसदेव सिंह (फाइल) ट्विटर

विश्व मोहन मिश्र

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:55 PM IST

क्रिकेट-हॉकी सहित विभिन्न खेलों का आंखों देखा हाल सुनाने वाले देश के बेहद लोकप्रिय कमेंटेटर जसदेव सिंह की आवाज अब सदा के लिए मौन हो गई है. वह 87 वर्ष के थे. उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है.

दूरदर्शन पर 70 और 80 के दशक में खेल प्रसारण के मामले में रवि चतुर्वेदी और सुशील दोशी के साथ जसदेव सिंह खेलप्रेमियों के लिए जाने माने नाम थे. खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

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राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे यह जान कर काफी दुख हुआ कि बेहतरीन कमेंटेटर रहे जसदेव सिंह का निधन हो गया. वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के सर्वश्रेष्ठ कमेंटेटरों में से एक रहे हैं. उन्होंने नौ ओलंपिक, छह एशियाई खेलों और अनगिनत बार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस प्रसारण का आंखों देखा हाल सुनाया था.’

चतुर्वेदी और दोशी मुख्य रूप से क्रिकेट कमेंट्री में थे, जबकि जसदेव सिंह ओलंपिक खेलों में नियमित थे. उन्होंने हेलसिंकी (1968) से मेलबर्न (2000) तक ओलंपिक के नौ सत्रों में कमेंट्री की.

ओलंपिक परिषद के पूर्व प्रमुख जुआन एंटोनियो समारांच ने उन्हें 1988 सियोल ओलंपिक में इन खेलों को बढ़ावा देने के लिए 'ओलंपिक ऑडर' से सम्मानित किया था. उन्होंने छह बार एशियाई खेलों और इतनी ही बार हॉकी विश्व कप में कमेंट्री की थी.

जसदेव सिंह 1963 से 48 वर्षों तक गणतंत्र दिवस का आंखों देखा हाल सुनाया था. उन्होंने 1955 में जयपुर में ऑल इंडिया रेडियो में काम करना शुरू किया और आठ साल बाद वह दिल्ली आ गए. करीब 35 साल तक उन्होंने दूरदर्शन में काम किया. 1985 में उन्हें पद्मश्री और 2008 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

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