पाकिस्तानी टीम ने हालिया दिनों में टी20 क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है. सलमान आगा की अगुवाई में पाकिस्तानी टीम ने 29 नवंबर को श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज के फाइनल में 6 विकेट से जीत हासिल की थी. मैच पाकिस्तान के पक्ष में रहा, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा थर्ड अंपायर के विवादित फैसले की हुई थी, जिसने मुकाबले का पूरा माहौल बदल दिया था.
उस मुकाबले में श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका का कैच पाकिस्तानी फील्डर फखर जमां ने लपका था, जिसे तीसरे अंपायर राशिद रियाज ने रिप्ले देखने के बाद नकार दिया था. इस फैसले पर फखर ने ऑन-फील्ड अंपायर से बहस शुरू कर दी थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.
अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने फखर जमां पर एक्शन पर लिया है. आईसीसी का मानना है कि फखर ने खिलाड़ियों एवं सपोर्ट स्टाफ के लिए बनाई गई आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन किया. इसके चलते फखर पर मैच फीस का 10% जुर्माना लगाया है. साथ ही उनके रिकॉर्ड में एक डिमेरिट प्वाइंट भी जोड़ दिया गया है.
किसने की थी जुर्माने की सिफारिश?
24 महीने की अवधि में यह फखर जमां का पहला अपराध था. फखर पर जुर्माना इसलिए लगा क्योंकि उन्होंने अंपायर के फैसले का खुले तौर पर विरोध किया था. फखर पर लगे इस जुर्माने की सिफारिश एमिरेट्स आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ मैच रेफरीज के सदस्य रियॉन किंग ने की.
वहीं उन पर अनुशासनात्मक आरोप लगाने का काम मैदानी अंपायरों अहसान रजा और आसिफ याकूब, तीसरे अंपायर राशिद रियाज एवं चौथे अंपायर फैसल आफरीदी ने किया. फखर ने अपराध स्वीकार कर लिया और जुर्माने को भी स्वीकारा, इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी.
लेवल-1 अपराध के तहत खिलाड़ी को चेतावनी दी जा सकती है. या उस पर फाइन लगाया जा सकता है या 1-2 डिमेरिट प्वाइंट प्लेयर्स के खाते में जोड़े जा सकते हैं. फाइनल में भले ही पाकिस्तान चैम्पियन बना, लेकिन थर्ड अंपायर का फैसला और फखर जमां पर लगाया गया यह जुर्माना सबसे बड़ी चर्चा बनकर उभरा है.
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