Fastest first-class 200 : रवि शास्त्री ने आज ही बनाया था ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड, जो 33 साल तक रहा कायम

बात उन दिनों की है, जब 1985 में रवि शास्त्री 'चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस' बनकर विश्व क्रिकेट में छा गए थे. उसी साल की शुरुआत में उन्होंने एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था जो 33 साल तक कायम रहा.

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Ravi Shastri (Getty) Ravi Shastri (Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST
  • शास्त्री ने महज 113 मिनट में दोहरा शतक पूरा किया था
  • प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक जमाया था

बात उन दिनों की है, जब 1985 में रवि शास्त्री 'चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस' बनकर विश्व क्रिकेट में छा गए थे. उसी साल की शुरुआत में उन्होंने एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, जो 33 साल तक कायम रहा. भारतीय टीम के उपयोगी ऑलराउंडर रहे रवि शास्त्री ने 37 साल पहले आज ही के दिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक जमाकर विश्व कीर्तिमान रचा था.

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दरअसल, शास्त्री के नाम एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड जुड़ा, जो 33 साल तक बरकरार रहा. शास्त्री ने 10 जनवरी 1985 को फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे तेज दोहरा शतक (200*) अपने नाम किया था. उन्होंने महज 113 मिनट में दोहरा शतक पूरा कर यह कारनामा किया. अब यह रिकॉर्ड अफगानिस्तान के शफीकउल्लाह के नाम है, जिन्होंने 2017-18 में काबुल रीजन की ओर से खेलते हुए 103 मिनट में दोहरा शतक पूरा किया.

एक ओवर में 6 छक्के जड़े

रवि शास्त्री ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी के जोनल मुकाबले में बड़ौदा के खिलाफ ताबड़तोड़ नाबाद 200 रनों की पारी खेली थी. सबसे बढ़कर शास्त्री ने इसी पारी के दौरान बड़ौदा के स्पिनर तिलक राज के एक ओवर में 6 छक्के जड़े थे. उस वक्त यह करिश्मा करने वाले वह सर गैरी सोबर्स के बाद दूसरे बल्लेबाज थे. 

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उन दिनों 23 साल के रवि शास्त्री बेहतरीन फॉर्म में थे. इस कारनामे से हफ्तेभर पहले ही उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 7 घंटे तक बल्लेबाजी करते हुए शतकीय पारी खेली थी. तब 111 और 7* रनों की पारी के दौरान उन्होंने एक खास रिकॉर्ड बनाया था.

वह किसी टेस्ट मैच के पांचों दिन किसी न किसी समय बल्लेबाजी करते नजर आए थे. ऐसा करने वाले वह एमएल जयसिम्हा (1960, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने थे. इसके बाद 2017 में ईडन में ही चेतेश्वर पुजारा श्रीलंका के खिलाफ पांचों दिन बल्लेबाजी करते नजर आए थे. मजे की बात है कि भारत की ओर से अब तक तीनों बार यह वाकया कोलकाता में ही देखने को मिला.

भारतीय टीम ने उसी साल मार्च 1985 में बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैम्पियनशिप कप पर कब्जा किया था. रवि शास्त्री को बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए 'चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस' का खिताब दिया गया. उन्होंने उस 'मिनी वर्ल्ड कप' टूर्नामेंट के 5 मैचों में 45.50 की औसत से 182 रन बनाए और 20.75 की औसत से 8 विकेट भी चटकाए थे. इतना ही नहीं उन्हें इनाम में बहुचर्चित ऑडी भी मिली थी.

फैंस के दिलों पर राज करने वाले इस 'बंबइया' क्रिकेटर ने महज 30 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. 

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रवि शास्त्री का करियर

रवि शास्त्री ने 80 टेस्ट मैच में 11 शतक और 12 अर्धशतक की बदौलत 3830 रन बनाए. वहीं, उनके नाम पर 151 विकेट दर्ज हैं. वनडे में चार शतकों के साथ उन्होंने 3108 रन बनाए और 129 विकेट भी निकाले. प्रथम श्रेणी क्रिकेट (1979/80-1993/94) की बात करें, तो शास्त्री ने 245 मैचों में 44 की औसत के साथ 13202 रन बनाए, जिसमें उनके 34 शतक और 66 अर्धशतक शामिल रहे. साथ ही उन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाजी से 509 विकेट निकाले, पारी में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 9/101 रही.

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