टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया ने हालिया सालों में काफी शानदार प्रदर्शन किया है. भारतीय टीम की सफलता में तेज गेंदबाज ने मोहम्मद शमी ने भी अहम भूमिका निभाई है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट मैच में भी शमी ने उम्दा गेंदबाजी की थी. शमी ने जिस तरीके से डेविड वॉर्नर को पहली पारी में बोल्ड किया था, वह भारतीय फैन्स कभी नहीं भूलेंगेे.
अब मोहम्मद शमी को लेकर भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने बड़ा दावा किया है. भरत अरुण ने कहा कि स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 2018 में इंग्लैंड दौरे से पहले फिटनेस टेस्ट पास करने में नाकाम रहने के बाद क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताई थी, अरुण ने खुलासा किया कि जब उन्हें पता चला कि शमी खराब मूड में हैं तो वह उन्हें भारत के तत्कालीन हेड कोच रवि शास्त्री के पास ले गए.
यो-यो टेस्ट में फेल हुए थे शमी
भरत अरुण ने क्रिकबज से कहा, 'इंग्लैंड के 2018 के दौरे से ठीक पहले फिटनेस टेस्ट था और शमी इसमें असफल रहे. उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह खो दी. उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि वह मुझसे मिलना चाहते हैं. इसलिए मैंने उन्हें अपने कमरे में आमंत्रित किया. शमी उस समय उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे थे. उनकी फिटनेस प्रभावित हुई थी और मानसिक रूप से भी वह निराश थे. शमी मेरे पास आए और कहा कि वह बहुत गुस्से में हैं और क्रिकेट छोड़ना चाहते हैं.'
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गौरतलब है कि साल 2018 में भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले शमी यो-यो टेस्ट में फेल हो गए थे. अरुण ने बताया कि शास्त्री के साथ शमी की बातचीत से भारतीय तेज गेंदबाज को क्रिकेट में शानदार वापसी करने में मदद मिली. अरुण कहते हैं, 'मैं तुरंत शमी को रवि शास्त्री से मिलाने ले गया. हम दोनों उनके कमरे में गए और मैंने रवि से कहा कि शमी कुछ कहना चाहते हैं. शमी ने रवि शास्त्री से भी यही कहा कि वह क्रिकेट नहीं खेलना चाहते. हम दोनों ने पूछा कि अगर आप क्रिकेट नहीं खेलेंगे तो क्या करेंगे. आप और क्या जानते हैं?'
शास्त्री ने दिया शमी को हौसला
भरत अरुण ने आगे कहा, 'रवि शात्री ने शमी से कहा कि यह अच्छी बात है कि आप गुस्से में हैं. यह सबसे अच्छी बात है जो आपके साथ हुई है क्योंकि आपके हाथ में गेंद है. आपकी फिटनेस खराब है. आपके पास जो भी गुस्सा है, उसे अपने ऊपर से निकाल लें. हम आपको राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी भेजने जा रहे हैं और चाहते हैं कि आप वहां 4 सप्ताह के लिए जाएं और वहीं रहें. आप घर नहीं जाएंगे और केवल एनसीए जाएंगे..यह शमी के अनुकूल भी था क्योंकि उन्हें कोलकाता जाने में समस्या थी. फिर उन्होंने एनसीए में 5 सप्ताह बिताए.'
मोहम्मद शमी ने उसके बाद शानदार वापसी की और इंग्लैंड के खिलाफ सभी पांच टेस्ट खेले और 16 विकेट भी लिए. शमी ने कुछ महीने बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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