भारतीय महिला क्रिकेट टीम शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया से दूसरा वनडे मैच हार गई. जीत की दहलीज पर जरूर भारत खड़ा था, लेकिन एक नो बॉल ने पूरे गेम को पलटकर रख दिया और तीन मैचों की श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 की अजय बढ़त हासिल कर ली. लेकिन अब सोशल मीडिया पर अलग ही बवाल शुरू हो गया है. उस नो बॉल गेंद को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. अंपायर के फैसले को गलत बताया जा रहा है.
क्या हुआ था आखिरी गेंद पर?
पहले जानते हैं कि आखिरी ओवर में ऐसा क्या हुआ था. ऑस्ट्रेलिया को आखिरी गेंद पर तीन रनों की दरकार थी. गेंदबाजी कर रही थीं भारत की स्टार खिलाड़ी झूलन गोस्वामी. उन्होंने आखिरी गेंद ऐसी फेंकी कि मूनी शॉट मारने के चक्कर में अपना विकेट दे बैठीं. भारत ने तो जश्न मनाना शुरू भी कर दिया था, लेकिन फिर अंपायर ने खेल को बदलकर रख दिया. उस आखिरी गेंद पर थर्ड अंपायर की मदद ली गई और फिर उस गेंद को नो बॉल घोषित कर दिया गया. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया को एक फ्री हिट मिल गई और फिर आखिरी गेंद पर दो रन बना मैच को अपने नाम कर लिया गया.
लोग क्यों नाराज हो लिए?
अब उस आखिरी गेंद को लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कई लोगों को मानना है कि थर्ड अंपायर ने एक लीगल डिलीवरी को नो बॉल करार दिया है. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर Lisa Sthalekar ने अपनी तरफ से सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें साझा की हैं. वे खुद ये नहीं समझ पा रही हैं कि आखिरी गेंद को किस आधार पर नो बॉल दिया गया. एक यूजर ने तो यहां कह दिया कि अगर ये पुरुषों का मैच होता तो आखिरी गेंद को नो बॉल नहीं बताया जाता. थर्ड अंपायर विराट कोहली की मौजूदगी में ऐसा फैसला नहीं दे सकते थे. सोशल मीडिया पर ऐसे कमेंट्स की बाढ़ आ चुकी है. हर कोई इसे भारत द्वारा जीता गया मैच के तौर पर देखना चाहता है.
दूसरे वनडे की बात करें तो भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्मृति मंधाना की 86 रनों की संयमित पारी के दम पर सात विकेट पर 274 रन बनाए थे. इसके बाद 275 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही ऑस्ट्रेलिया टीम अपनी पारी के शुरुआती 25 ओवरों में दबाव में थी, लेकिन मूनी की 133 गेंदों में 125 रन की नाबाद पारी के दम पर मैच को ऑस्ट्रेलिया की झोली में डाल दिया.
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