इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में भारतीय टीम में एक बदलाव किया गया. स्पिनर कुलदीप यादव की जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन को टीम में शामिल किया गया. कुलदीप के लिए बीते कुछ मैच अच्छे नहीं रहे, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. 2017 में आयोजित हुई आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी के बाद ये पहला मौका है जब भारतीय टीम युजवेंद्र चहल या कुलदीप यादव के बिना मैदान में उतरी.
कुलदीप और चहल के प्रदर्शन में 2019 वर्ल्ड कप के बाद से गिरावट आई है. इसका परिणाम ये हुआ कि भारतीय टीम को दोनों में से एक के साथ मैदान में उतरना पड़ रहा था. लेकिन अब लगता है कि इस रणनीति पर भी विराम लगा दिया गया है. चैम्पियन्स ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम ने 80 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले. इन मैचों में कुलदीप या चहल दोनों में से एक टीम का हिस्सा रहे. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में इन दोनों स्पिनरों को टीम में जगह नहीं मिली.
धोनी के संन्यास से कुलदीप-चहल को सबसे ज्यादा नुकसान
कुलदीप और चहल जब अपने करियर के शुरुआती दौर में थे तो इन्हें वनडे में सबसे घातक स्पिन जोड़ी माना जाता था. दोनों को विकेट के पीछे से महेंद्र सिंह धोनी का भी खूब साथ मिलता था. धोनी दोनों स्पिनरों को बताते रहते थे कि कहां गेंद डालनी है. बल्लेबाज कौन सा शॉट मारने की कोशिश करेगा. धोनी संन्यास ले चुके हैं और इसका सबसे ज्यादा नुकसान कुलदीप और चहल को हुआ. धोनी के रिटायरमेंट के बाद से कुलदीप और चहल के प्रदर्शन में गिरावट आई है और आंकड़े ये बयां भी कर रहे हैं.
कुलदीप ने धोनी के टीम में रहते 47 मैच खेले. इस दौरान उन्होंने 91 विकेट लिए और उनका एवरेज 22.53 का रहा. वहीं, उनकी इकॉनमी 4.87 की रही. कुलदीप का स्ट्राइक रेट भी शानदार रहा. उन्होंने करीब हर 28 गेंद पर विकेट लिया. वहीं, धोनी के बिना उन्होंने 16 मैच खेले और 14 विकेट लिये. इस दौरान उनका एवरेज 59.6 का रहा और इकॉनमी 6.22 की रही. इन आंकड़ों से साफ है कि धोनी का विकेट के पीछे से टिप्स मिलते रहना कुलदीप के लिए कितना फायदेमंद था.
कैसा रहा चहल का प्रदर्शन
युजवेंद्र चहल की बात करें तो उन्होंने धोनी के टीम में रहते 46 मैच खेले और 81 विकेट लिए. उनका एवरेज 25.32 का रहा और इकॉनमी 4.95 की रही. वहीं, चहल का स्ट्राइक रेट 30.7 का रहा. यानी करीब हर 31 गेंद पर उन्होंने विकेट लिया. धोनी के बिना चहल ने 8 वनडे मैच खेले और 11 विकेट लिये. उनका एवरेज 41.82 का रहा और स्ट्राइक रेट 36.9 रहा. उनकी इकॉनमी 6.80 रही.
धोनी ने अगस्त 2020 में लिया संन्यास
भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त, 2020 को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप और 50 ओवर वर्ल्ड कप पर कब्जा किया. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 2013 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी भी जीती. धोनी का वनडे करियर 350 मैचों का रहा. उन्होंने 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए. धोनी के नाम वनडे में 10 शतक भी है.
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