ICC के CEO बोले- भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2019 की प्रबल दावेदार

Dave Richardson ICC Chief Executive Says Team India Strong Contender for World Cup 2019: आईसीसी के CEO डेव रिचर्डसन ने भारत को इंग्लैंड में इस साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में खिताब का प्रबल दावेदार करार दिया.

Advertisement
Dave Richardson Dave Richardson

aajtak.in

  • हेमिल्टन,
  • 31 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST

यह संयोग ही था कि जिस दिन भारतीय टीम पिछले आठ साल में अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हुई उसी दिन आईसीसी के CEO डेव रिचर्डसन ने उसे इंग्लैंड में इस साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में खिताब का प्रबल दावेदार करार दिया. भारतीय टीम न्यूजीलैंड में चौथे वनडे मैच में केवल 92 रन पर ढेर हो गई, लेकिन रिचर्डसन ने इसे खास तवज्जो नहीं दी. उन्होंने इस संबंध में पूछे गए सवाल को यह कहकर टाल दिया कि ‘हर टीम का अपना दिन होता है.’ लेकिन दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने वर्तमान भारतीय टीम को बेहद संतुलित करार दिया.

Advertisement

रिचर्डसन ने मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ विराट कोहली की टीम को भी खिताब के दावेदारों में शामिल किया. रिचर्डसन ने यहां आईसीसी और कोका-कोला के बीच पांच साल के करार के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वर्ल्ड कप 2019 में दस सर्वश्रेष्ठ टीमें भाग लेंगी. भारत इस समय बहुत अच्छा खेल रहा है और खिताब का दावेदार है. इंग्लैंड वनडे में सर्वश्रेष्ठ टीम है जबकि दक्षिण अफ्रीका भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. वर्ल्ड कप कौन जीतेगा इस तरह की भविष्यवाणी करना मुश्किल है.’

IND vs NZ: 'कोहली छुट्टी पर क्या गए, पूरी टीम भी पीछे-पीछे चल पड़ी', भड़के फैंस

रिचर्डसन ने कोहली की टीम की सौरव गांगुली की अगुवाई वाली टीम से तुलना करते हुए कहा कि वर्तमान टीम हर विभाग में मजबूत है जबकि पूर्ववर्ती टीमों की गेंदबाजी कमजोर थी. गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2003 के फाइनल में पहुंची थी. रिचर्डसन ने कहा, ‘भारत ने पिछले चार-पांच वर्षों में जिस तरह से प्रगति की है वह शानदार है. सौरव गांगुली की अगुवाई वाली भारतीय टीम भी मजबूत थी. गांगुली वाली टीम में वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे शानदार बल्लेबाज थे, लेकिन उनकी गेंदबाजी थोड़ी कमजोर थी जिससे टीम कई बार अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं कर पाई थी. वर्तमान टीम बेहत संतुलित है. उसकी गेंदबाजी भी मजबूत है और उसे हराना आसान नहीं है.’

Advertisement

आईसीसी के किसी भी टूर्नामेंट में अमूमन भारत और पाकिस्तान को एक ग्रुप में रखा जाता है, लेकिन 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में ऐसा देखने को नहीं मिलेगा. इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों को अलग-अलग ग्रुप में रखा गया है. रिचर्डसन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘निश्चित तौर पर क्रिकेट प्रेमी इन दोनों टीमों को आपस में खेलते हुए देखना चाहते हैं, लेकिन हमने रैंकिंग के आधार ग्रुप तैयार किए. इस मामले में पाकिस्तान रैंकिंग में नंबर एक और भारत नंबर दो पर था और इसलिए उन्हें अलग-अलग ग्रुप में जगह मिली. ग्रुप की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए हम रैंकिंग का सहारा लेते हैं. ये दोनों टीमें सेमीफाइनल या फाइनल में पहुंचने पर आपस में भिड़ सकती हैं.’

IND vs NZ: जीत की हैट्रिक के बाद भटकी टीम इंडिया, ये रहे हार के 5 कारण

आईसीसी टूर्नामेंटों के आयोजन पर करों में छूट नहीं मिलने पर भारत की मेजबानी को खतरे संबंधी सवाल पर रिचर्डसन ने कहा, ‘हमारे लिए पैसा महत्व रखता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे भारत की मेजबानी को खतरा है.’ भारत 2021 में होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा. आईसीसी मुख्य कार्यकारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिक्सिंग की किसी भी तरह की संभावना से इन्कार किया और कहा कि विश्व संस्था इस खेल को भ्रष्टाचार से दूर रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

Advertisement

रिचर्डसन ने कहा, ‘आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई अच्छी तरह से काम रही है. वह खिलाड़ियों के व्यवहार पर भी निगरानी रखती है. हमारी पूरी कोशिश रहती है ऐसे लोगों को टीमों और खिलाड़ियों से दूर रखा जाए जो मैच फिक्स करने की फिराक में रहते हैं. खिलाड़ियों को इस बारे में शिक्षित करना बेहद जरूरी है. अच्छी बात यह है कि खिलाड़ी अब खुद ही रिपोर्ट करते हैं.’ पिछले लंबे समय से आईसीसी से जुड़े रिचर्डसन इस साल वर्ल्ड कप के बाद इस संस्था को छोड़ देंगे. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नई प्राद्योगिकी को खेल से जोड़ना और टेस्ट चैंपियनशिप को उपलब्धि करार दिया.

वनडे में भारत की सबसे बड़ी हार, न्यूजीलैंड ने 212 गेंदें शेष रहते रौंदा

रिचर्डसन ने कहा, ‘मुझे आईसीसी में 17 साल हो गए हैं और इस दौरान हमने कई अहम फैसले किए. इनमें से कुछ फैसले भारत के खिलाफ भी गए. निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के मामले में हम भारत और अनिल कुंबले (तत्कालीन कोच) को मनाने में सफल रहे थे. मेरे कार्यकाल में प्रौद्योगिकी को खेल से जोड़ना और इस साल से होने वाली टेस्ट चैंपियनशिप बड़ी कामयाबी है.’

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement