Afghanistan Cricket Team History: आतंक और दहशत के बीच फला-फूला अफगान क्रिकेट... बड़ी-बड़ी टीमों को चटा रहा धूल

वर्ल्ड कप 2023 में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड चैम्पियन इंग्लैंड को 69 रनों से हारकर सभी को चौंकाया है. यह टीम अब तक अपने करियर में पाकिस्तान, श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसी बड़ी टीमों को पटखनी दे चुकी है. मगर इस अफगानिस्तानी टीम के यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है. उसे आतंक और दहशत से काफी जूझना पड़ा है...

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वनडे वर्ल्ड कप 2023 में इंग्लैंड को हराने के बाद अफगानिस्तानी क्रिकेट टीम. (Getty) वनडे वर्ल्ड कप 2023 में इंग्लैंड को हराने के बाद अफगानिस्तानी क्रिकेट टीम. (Getty)

श्रीबाबू गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

Afghanistan Cricket Team History: आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन कर चौंका दिया है. टीम ने वर्ल्ड चैम्पियन इंग्लैंड को 69 रनों से धूल चटाई है. इस जीत के साथ ही अफगानिस्तानी टीम ने खेल जगत को यह वॉर्निंग भी दी है कि अब उसे बच्चा ना समझा जाए. उसमें बड़ी-बड़ी टीमों को धूल चटाने की काबिलियत है.

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हालांकि यही एक अकेला मैच नहीं है, जिसमें अफगान टीम ने उलटफेर किया हो. इससे पहले भी उसने वर्ल्ड कप से इतर पाकिस्तान, श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसी बड़ी टीमों को शिकस्त दी है. अफगानिस्तानी टीम ने बांग्लादेश और जिम्बाब्वे को कई मुकाबलों में करारी शिकस्त दी है.

अफगान टीम ने वर्ल्ड कप में जीता दूसरा मैच

वर्ल्ड कप में अफगान टीम ने 2015 से खेलना शुरू किया है. तब से अब तक वर्ल्ड कप में कुल 18 मैच खेले, जिसमें से 2 जीते हैं. मौजूदा वर्ल्ड कप में अब अफगान टीम को न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका से मैच खेलने हैं. इनमें से कुछ मैच जीत लेती है, तो टूर्नामेंट काफी रोमांचक हो जाएगा.

इन टीमों से कोई इंटरनेशनल मैच नहीं जीता अफगान

भारत - 10 मैच
साउथ अफ्रीका - 3 मैच
ऑस्ट्रेलिया - 4 मैच
नेपाल - 1 मैच
न्यूजीलैंड  - 3 मैच

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अफगानी क्रिकेट के विकास में भारत का अहम रोल

मगर यहां एक अहम बात समझनी होगी कि अफगान क्रिकेट टीम का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है. उसका इतिहास आतंक और दहशत से भरा हुआ है. इन सबके बीच में क्रिकेट का फलना-फूलना बिल्कुल भी आसान नहीं रहा. कई बार देश को गृहयुद्ध से जूझना पड़ा. सरकार बदलीं. तालिबान से संघर्ष हुआ. तालिबान का राज आया. मगर इन सबके बीच में क्रिकेट ने धीरे-धीरे रेंगते हुए अपनी चाल कायम रखी.

इसी का नतीजा है कि आज यह टीम यहां तक पहुंची है. सबसे बड़ी बात यह भी है कि अफगानिस्तान में कोई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी नहीं है. उसने कोई इंटरनेशनल मैच की मेजबानी नहीं की है, जबकि तंजानिया, थाईलैंड, युगांडा, जर्सी, केन्या और हॉन्ग कॉन्ग जैसे कई देश मेजबानी कर चुके हैं.

मगर अफगानिस्तान क्रिकेट को आगे बढ़ाने में भारत का अहम रोल रहा है. अफगान टीम ने भारत के लखनऊ को होमग्राउंड बनाया और यहीं जमकर प्रैक्टिस भी की. इसके बाद ग्रेटर नोएडा और देहरादून के मैदान को होमग्राउंड बनाया. इन स्टेडियम में अफगान टीम में अपनी कई घरेलू सीरीज खेली हैं. हालांकि इन्हें न्यूट्रल वेन्यू के तौर पर गिना गया है.

ऐसे हुआ अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का गठन

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बता दें कि अफगानिस्तान में क्रिकेट का इतिहास 1839 से माना जाता है, जब काबुल में ब्रिटिश सैनिकों ने कुछ मैच खेले थे. मगर 1990 के दशक तक देश में अशांति का माहौल था. ऐसे में क्रिकेट खेलना आसान नहीं था. इसी बीच पाकिस्तान पहुंचे अफगान शरणार्थियों ने हिम्मत दिखाई और 1995 में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का गठन किया.

हालांकि इस खेल को मूल रूप से तालिबान द्वारा प्रतिबंधित किया गया था, जो साल 2000 में तालिबान द्वारा अनुमोदित होने वाला एकमात्र खेल बना. अगले ही साल उसने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की मान्यता प्राप्त की और सदस्य बन गया. 2013 तक अफगान टीम ICC एसोसिएट सदस्य भी बन गई.

दरअसल, अफगानिस्तान में युद्ध शुरू होने के बाद उन्हें अपने देश में क्रिकेट खेलने में परेशानी आना शुरू हुई थी. उनसे कहा गया कि वे अपने घरेलू मैच किसी अन्य देश में खेलें. तब भारत से अच्छे संबंधों के कारण बीसीसीआई ने उनकी मदद की. अफगानिस्तान क्रिकेट टीम अपने सभी मैचों की मेजबानी भारत में ही करता है. वे अपने मैच नोएडा और देहरादून में आयोजित कराते हैं.

2015 में पहली बार खेला वनडे वर्ल्ड कप

मगर ICC एसोसिएट सदस्य बनने से पहले अफगान टीम ने पाकिस्तानी घरेलू क्रिकेट में दूसरे टियर के मैच खेले थे. इसी दौरान उनका देश अमेरिकी हमले झेल रहा था. मगर अफगान टीम ने हार नहीं मानी और पाकिस्तान से बाहर पूरे एशिया में पैर पसारना शुरू किया. 

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2011 वर्ल्ड कप में अफगान टीम क्वालिफाई नहीं कर सकी, लेकिन उसने अगले यानी 2015 वर्ल्ड कप से पहले वनडे का दर्जा हासिल किया और फिर वर्ल्ड कप में भी एंट्री कर ली. यहां उसने दो मैच हारने के बाद तीसरे मुकाबले में स्कॉटलैंड के शिकस्त देकर जीत का खाता खोला.

अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने 2009-10 और 2015-17 में ICC का इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीता, जबकि 2011-13 में वो उपविजेता रहे थे. इसके बाद अफगान टीम ने डिवीजन 5, डिवीजन 4 और डिवीजन 3 का खिताब जीता. इसके बाद 2017 के आसपास टीम को आयरलैंड के साथ टेस्ट का दर्जा भी मिल गया. अफगानिस्तान और आयरलैंड 11वें और 12वें टेस्ट स्टेटस पाने वाले देश बने.

भारत के खिलाफ खेला था पहला टेस्ट मुकाबला

अफगानिस्तान ने अपना पहला टेस्ट मुकाबला भारतीय टीम के खिलाफ खेला. यह मैच जून 2018 में बेंगलुरु के मैदान पर खेला गया था. यह टेस्ट मैच 2 दिन में ही खत्म हो गया था, जिसमें अफगान टीम को पारी और 262 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.

अफगान टीम के इतिहास में कई शानदार खिलाड़ी आए, जिन्होंने बड़ी-बड़ी टीमों को टक्कर दी. मोहम्मद नबी इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक रन 5045 बनाने वाले अफगानी बल्लेबाज हैं. जबकि स्पिनर राशिद खान इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक 339 विकेट लेने वाले अफगानी गेंदबाज हैं.

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