भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. रविवार को खेले गए तीसरे स्थान के मुकाबले में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को पेनल्टी शूटआउट में 2-1 से मात दी. टीम इंडिया की जीत में कप्तान सविता पूनिया का अहम रोल रहा. सविता गोलपोस्ट के सामने दीवार बनकर खड़ी हो गईं और उन्होंने शूटआउट में चार बचाव किए.
कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारतीय महिला हॉकी टीम का यह तीसरा पदक है. इससे पहले भारत ने साल 2002 में इंग्लैंड को हराकर गोल्ड मेडल जीता था. वहीं साल 2006 में भारतीय टीम ने सिल्वर पर कब्जा जमाया था. 2006 के गेम्स में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल मुकाबले में पराजित किया था. अब भारतीय महिला हॉकी टीम ने 16 साल बाद पदक जीता है.
सविता ने कही ये बात
सविता पूनिया ने जीत के बाद आजतक से कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद हमलोग थोड़ा अपसेट थे, लेकिन हमने खुद को मोटिवेट किया. हमने शूटआउट की काफी ट्रेनिंग की थी. आज शूटाउट हमें खुद पर काफी विश्वास था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो हुआ उससे हमारा कॉन्फिडेंस काफी डाउन हुआ था, लेकिन मैं अब उस बारे में ज्यादा नहीं कहना चाहती. हमारी टीम ने काफी हार्डवर्क किया था.
ऐसा रहा पेनल्टी शूटआउट
किवी टीम ने पेनल्टी शूटआउट शानदार तरीके से करते हुए 1-0 की बढ़त ले ली, वहीं भारतीय टीम का पहला अटेंप बेकार चला गया. दूसरे अटेंप में न्यूजीलैंड ने गोल नहीं किया, लेकिन भारत ने 1 गोल करके बराबरी कर ली. फिर तीसरे अटेंप भी न्यूजीलैंड का बेकार चला गया जबकि भारत ने गोलकर 2-1 की बढ़त बनाई. चौथे प्रयास में भारत न्यूजीलैंड की टीम गोल नहीं कर पाई. इसके बाद न्यूजीलैंड का पांचवां प्रयास भी बेकार हुआ जिसके चलते भारत ने 2-1 से शूटआउट अपने नाम कर लिया.
भारत को सेमीफाइनल में मिली थी हार
सलीमा टेटे के दूसरे क्वार्टर में किए गए गोल की बदौलत भारतीय टीम एक समय 1-0 से आगे चल रही थी. लेकिन आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किए गए गोल की बदौलत मुकाबला 1-1 से बराबरी पर चला गया जिसके चलते शूटआउट का सहारा लेना पड़ा. भारतीय टीम को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में 0-3 से दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा था.
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